नैतिक मूल्यों की स्थापना करें साहित्यकार : गहलोत
13 मूर्धन्य साहित्यकारों का सम्मान
udaipur. मुख्यमंत्री अशोक ने लेखकों तथा साहित्यकारों का आव्हान किया कि वे अपनी कलम का उपयोग समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए करें। उन्होंने कहा कि आज समाज में नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है जिस पर गहन चिन्तन—मनन की आवश्यकता है। वे सुखाडिया रंगमंच पर राजस्थान साहित्य अकादमी के 55 वें स्थापना दिवस व अमृत सम्मान—2012 के समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकादमियां एक छत के नीचे आकर कार्य करें, इसके लिए सरकार ने जयपुर में एक भवन निर्माण की योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि नई साहित्यिक प्रतिभाओं में सकारात्मक सोच के लिए अकादमियों को पहल करनी होगी।
पंडित जर्नादनराय नागर राजस्थान रत्न पुस्कार की घोषणा
गहलोत ने समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार पंडित जर्नादनराय नागर की स्वर्ण जयन्ती वर्ष पर उनके नाम से ‘पंडित जर्नादनराय नागर राजस्थान रत्न पुरस्कार’ प्रारंभ करने की घोषणा की। पुरस्कार में एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी जो प्रति वर्ष प्रदान किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि नागर राजस्थान साहित्य अकादमी के प्रथम अध्यक्ष थे।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष वेद व्यास की मांग पर उदयपुर स्थित अकादमी कार्यालय के उपर नए सभागार निर्माण की घोषणा भी की। उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा ने अपने सांसद कोष से सभागार निर्माण के लिए 11 लाख रुपये उपलब्ध कराने की घोषणा की।
अमृत पुरस्कार से सम्मानित
गहलोत ने साहित्यकार सम्मान समारोह में प्रदेश के 13 मूर्धन्य साहित्यकारों को अमृत पुरस्कार से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों को सम्मान स्वरुप प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, 11 हजार रुपये सम्मान राशि और शॉल ओढाकर अमृत सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने नाथद्वारा के भगवतीप्रसाद देवपुरा, भरतपुर के मोहनलाल मधुकर, बीकानेर के श्रीहर्ष, जयपुर की श्रीमती नलिनी उपाध्याय, जयपुर के मुरलीमनोहर ‘मंजुल’, उदयपुर के आबिद ‘अदीब’, जयपुर के जयनारायण गौड़, जयपुर के सत्येन्द्र चतुर्वेदी, जोधपुर के मदनमोहन परिहार, जयपुर के सुरेश मिश्रा, जोधपुर के भवानीलाल भारतीय, जयपुर के रणवीर सहाय वर्मा तथा कोटा के ब्रजेन्द्र कौशिक को अमृत सम्मान से सम्मानित किया । उन्होंने राज्य की सभी अकादमी अध्यक्षों को भी सम्मानित किया। उन्होंने मधुमति के ‘‘ गीत ’’ अंक का विमोचन भी किया।
विशिष्ट अतिथियों के रुप में जनजाति क्षेत्रीय विकास तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालविया, सांसद रघुवीर मीणा, विधायक उदयपुर (ग्रामीण) सज्जन कटारा, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति डॉ. नरेश दाधीच, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.बी.एल.शर्मा, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आई. वी. त्रिवेदी एवं वरिष्ठ साहित्यकार नंद चतुर्वेदी ने भी विचार व्यक्त किए।
27 प्रकार के साहित्य का वितरण
उदयपुर। गहलोत के मुख्य अतिथ्य में राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा आज उदयपुर के टॉऊनहॉल स्थित सुखाडिया रंगमंच पर आयोजित साहित्यकार अमृत सम्मान समारोह के दौरान सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव कुंजीलाल मीणा के प्रयासों एवं निर्देश पर विभाग की प्रकाशित 27 प्रकार की विकासात्मक पुस्तिकाओं का वितरण किया गया। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रकाशित साहित्य के माध्यम से साहित्यकारों को राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास कार्यो, सरकार की योजनाओं एवं उपलब्धियों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग, अन्य पिछडा वर्ग, आदिवासी, अल्पसंख्यक आदि विभिन्न वर्गो के आर्थिक उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों जानकारी उपलब्ध कराई गई।