udaipur. विद्यादात्री मां सरस्वती के आराधना पर्व बसंत पंचमी पर शनिवार को शहर भर के विद्यालयों में विविध आयोजन हुए। स्कूलों में विद्यार्थियों ने मां शारदे की सामूहिक पूजा-अर्चना कर कुशाग्रबुद्धि होने की कामना की, मन्दिरों में भी मां सरस्वोती की आराधना की गई। शहर के सेन्ट्रल पब्लिक स्कू्ल, आलोक संस्थान सहित कई विद्यालयों में बसंत पंचमी उत्सव मनाया गया।
मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के साथ इस दिन कामदेव का जन्मदिन भी मनाया जाता है। कामदेव ऋतुओं के राजा हैं और बसंत को सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है। यह ऋतु प्रकृति के शृंगार का पर्व भी है। बंसत के आगमन के साथ ही पेड़-पौधों पर नई कोपलें फूटनी शुरू हो जाती है। खेतों में सरसों के फूलों की पीता आभा से हर किसी का मन आनन्दित हो जाता है। बसंत पंचमी पर महिलाएं पीत वस्त्र धारण करती है और इस दिन मां सरस्वती का पीले फूलों से शृंगार किया जाता है। शहर के मन्दिरों में भी पीत आभा बिखरी दिखाई दी। मन्दिरों में ठाकुरजी को पीली पोशाक धारण कराकर पीले पुष्पों से मनोहारी शृंगार व झांकियां सजाई गई।