आदिवासी संभाग स्तरीय अभिनंदन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह
udaipur. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासियों का आव्हान किया कि वे अपनी सोच में बदलाव लाकर इच्छाशक्ति के साथ आगे आए तथा जागरुक होकर सरकार द्वारा उनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेकर स्वयं व समाज के विकास में भागीदार बने।
मुख्यमंत्री रविवार को उदयपुर में राजस्थान आदिवासी महासभा के पहले ‘‘ संभाग स्तरीय अभिनंदन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह’’ को मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की आदिवासी अंचल के विकास पर विशेष नजर है और क्षेत्र के विकास व आदिवासियों के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीवगांधी ने देश के आदिवासी क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया था और उनके बीच पहुंच कर उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को नजदीक से देखकर तथा महसूस कर उनके हक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे।
गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार ने आदिवासियों के उत्थान के लिए जो योजनाएं लागू की है उनका लाभ लेने का जज्बा आदिवासियों को अपने आप में पैदा करना होगा विशेषकर युवा पीढी इसके लिए आगे आए। मुख्यमंत्री ने आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने वर्षो से झौंपडों और कच्चे घरों में रहने वाले बीपीएल परिवारों को पक्का आशियाना मुहैय्या कराने के लिए बडा फैसला लेते हुए राज्य भर में 10 लाख मकान बनाने का निर्णय लिया और इसके लिए 34 हजार करोड रुपये का ऋण लिया है। इस फैसले का सर्वाधिक फायदा आदिवासी क्षेत्र के बीपीएल परिवारों को हो रहा हैं।
मुख्यमंत्री ने जननी-शिशु सुरक्षा योजना पर बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा निर्णय लिया जिसमें एक पैसा खर्च हुए बिना सुरक्षित प्रसव का पूरा जिम्मा सरकार ने लिया है। उन्होंने कहा कि लोक सेवा को प्रदान करने की गारंटी अधिनियम से निश्चित समय में लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा हैं।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्र के विकास के संदर्भ में कहा कि सरकार की इस क्षेत्र के प्रति विशेष प्राथमिकता का परिणाम है कि बांसवाडा में पॉवर प्लान्ट लगाया जा रहा हैं। यहां के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए वातावरण मुहैय्या कराने के लिए आई.आई.एम.संस्थान खोला गया। उन्होंने कहा कि आज राज्य में उच्च शिक्षा के प्रति एक अच्छा वातावरण बनने लगा हैं।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए सूचना का अधिकार, शिक्षा के लिए शिक्षा का अधिकार, रोजगार के लिए रोजगार गारंटी कानून की भी जानकारी दी और कहा कि अब खाद्य सुरक्षा का भी अधिनियम आ रहा हैं। उन्होंने कहा कि योजनाएं तब ही सार्थक होगी जबकि जागरुक होकर उनका लाभ उठाया जाए। उन्होंने इस मौके पर प्रत्येक बालक-बालिका को शिक्षित करने का भी आव्हान किया।
समारोह में संबोधित करते हुए जनजाति क्षेत्रीय विकास तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालविया ने आदिवासी प्रतिभा सम्मान समारोह में पहली बार शिरकत करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने आदिवासी नौजवानों से कहा कि वे जागरुक हो और समाज के विकास में शिक्षित होकर भागीदार बने।
मालविया ने सरकार द्वारा आदिवासियों को उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न सुविधाओं ओर योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की ओर से किसी प्रकार की कमी नही है, आव६यकता इस बात की है कि आगे आकर इनका लाभ उठाए। उन्होंने उदयपुर के अन्तर्राष्ट्रीय धनुर्धर लिम्बाराम को पदमश्री पुरस्कार मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि आदिवासी अंचल में भी कई प्रतिभाएं छिपी है जिन्हें आगे लाने की आवश्यकता हैं। उन्होंने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग 48 हजार बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिलें एवं 690 बालिकाओं को नि:शुल्क स्कूटी वितरण से बालिका शिक्षा को बढावा दे रहा हैं।
समारोह में उच्चशिक्षा राज्यमंत्री डॉ.दयाराम परमार ने कहा कि इस क्षेत्र में जनजाति विश्वविद्यालय खोलना उनका सपना है और मुख्यमंत्री निश्चित ही इस सपने को पूरा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियां सीमित होने से आवश्यकता इस बात की हैकि आदिवासी क्षेत्रों में नये उद्योग धन्धें लगे।
प्रतिभाओं को सम्मानित
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने समारोह में समाज के प्रतिभावान राजेन्द्र कतिजा का आईपीएस में, सुश्री कनुप्रिया एवं लोकेश डामोर का आई.आर.एस., प्रवीण मीणा एवं मंसूर डामोर का आर.टी.एस. में चयन होने पर उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने अपने कर-कमलों से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में तथा निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने वाले 10 प्रतिभावान युवाओं को सम्मानित किया। समारोह में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री, खेल राज्यमंत्री, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने भी प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
तीर-कमान भेंट
समाज की ओर से आदिवासी परम्परा का प्रतीक तीर-कमान मुख्यमंत्री को स्मृति स्वरुप भेंट किया। प्रारंभ में महसभा के अध्यक्ष समरथलाल परमार ने मेवाडी पगडी और सूत की माला से मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। अन्य अतिथियों का भी समाज के प्रतिनिधियों द्वारा पगडी एवं माल्यार्पण से स्वागत किया गया।