आज के इस युग में जहाँ देखें, उपभोक्ता की जेब काटने वाले अधिक दिखेंगे. किसी कंपनी के एजेंट को बस पता लग्न चाहिए कि आपको निवेश करना है.. बस फिर देखिये.. कैसे आपके आगे पीछे घुमते हैं. कंपनियों की गलती इसीलिए नहीं मान सकते कि उनकी और से आवेदन फॉर्म में सारी शर्तें लिखी होती हैं भले ही वो ऐसे प्वाइंट्स में होती है कि दूरबीन लगाकर देखने से भी नहीं दिखती. एजेंट आपको कैसे गुमराह कर जाते हैं कि आपको परिपक्वता (maturity) अवधि होने के बाद पता लगता है कि आप किस तरह ठग लिए गए हैं.
एक पीड़ित उपभोक्ता के अनुसार तीन वर्ष पूर्व उससे एक कंपनी के एजेंट ने 10,000 रुपये प्रतिवर्ष निवेश कराये. उस समय उसने कहा था कि आपको तो सिर्फ 3 वर्ष तक जमा करने हैं. आपको चौथे वर्ष में इन 30,000 के बदले 40 से 45 हज़ार मिल जायेंगे. अब पीड़ित उपभोक्ता का कहना है कि चार वर्ष पुरे हो चुके हैं और उन 30,000 रुपये के उन्हें 18,500 दिए जा रहे हैं. कंपनी में बात करने पर कहा गया कि वो तो शेयर मार्केट अभी कुछ डाउन है. जैसे ही ऊपर आएगा, आपको अच्छे पैसे मिल जायेंगे.
आदमी की जेब से पैसे निकलवाने हैं तो कैसे निकलवाये जाएँ, शहर के सर्राफा व्यवसायियों ने अपने शो रूम पर सम्मानित उपभोक्ताओं के लिए स्कीम चला रखी है. इसके तहत प्रतिमाह उनसे एक निश्चित रकम का निवेश कराया जाता है। 21 महीने की स्कीम के बाद कुल जमा होने वाली राशि के बराबर उपभोक्ता को सोने के जेवर खरीदने होते हैं। इन स्कीमों के तहत उपभोक्ता को जेवर खरीदने ही होते हैं। हाल ही में भीलवाड़ा मूल की एक कंपनी के भुवाणा स्थित एजेंट के यहां छापा पड़ा और वह फरार हो गया। उसने भी उपभोक्ताओं को झांसा दिया था कि कुछ रकम प्रतिमाह हमारे यहां जमा करें और सोने के जेवर पाएं। एक तो उपभोक्तां उससे उलझकर रह गया कि उसे उसके वहीं से जेवर लेने होंगे। हॉलमार्क वाले जेवर दे भी दिए तो उसके लेबर चार्जेज इतने होते हैं कि बेचारे उपभोक्तास को थक-हारकर मजबूरन समझौता करना ही होता है।
अब इन्हीं स्कीमों के साथ कुछ कंपनियां उपभोक्ता ओं से सोने में निवेश के नाम पर पैसा जमा कर रही हैं। सोने में निवेश करने के नाम पर उपभोक्ताओं से यह कहा जाता है कि आप जितनी राशि प्रतिमाह हमें दे रहे हैं, हम उतने का सोना आपके लिए खरीद रहे हैं। स्कीम परिपक्व होने के बाद आपको सोने के भाव के अनुसार राशि मिल जाएगी। अब भविष्य किसने देखा है? जैसे शेयर मार्केट के भाव डाउन हो गए, सोने के भाव डाउन नहीं होंगे, इसकी गारंटी कौन ले सकता है?
उपभोक्ता को स्वयं जागरूक होना होगा.
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