खान विभाग के महाघूसकांड में तीन दिन तक करेंगे पूछताछ
नहीं सो पाए रात भर जेल और थानों में आरोपी
उदयपुर। राजस्थान के खान विभाग के महाघूसकांड की बखिया उधेडक़र खान सचिव तक को गिरफ्तार कर सखींचों के पीछे वाले एसीबी के आईजी दिनेश एमएन मंगलवार को उदयपुर पहुंचे। दिनेश एमएन सुबह फ्लाइट से उदयपुर आए और बड़ी स्थित पुलिस अन्वेषण भवन में ठहरे। यहां से उन्होंने प्रतापनगर थाने में आरोपी निलम्बित खान सचिव अशोक सिंघवी से पूछताछ की।
खान आवंटन में करोड़ों की घूस लेने के मामले में एसीबी के अधिकारियों ने खान सचिव डॉ. अशोक सिंघवी, अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत, अधीक्षण अभियंता पुष्करराज आमेटा, बिचौलिया संजय सेठी, श्याम एस सिंघवी, खदान मालिक शेरखान, इसका मुनीम राशीद और नौकर धीरेन्द्र उर्फ चिंटू को गिरफ्तार किया था। सोमवार को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद वापस न्यानयालय में पेश किया गया जहां से तीन जनों शेरखान, श्याेम एस सिंघवी एवं राशिद को जेल भेज दिया गया बाकी पांचों को तीन दिन के रिमांड पर दिया गया।
तीन दिन का रिमाण्ड देने के कारण पांचों को उदयपुर के विभिन्न थानों में रखा गया। जयपुर ले जाना संभव नहीं होने के कारण इस महाघूस कांड का खुलासा करने वाले ब्यूरो के आईजी दिनेश एमएन मंगलवार को उदयपुर आ गए। उदयपुर आगमन पर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल के साथ-साथ एसीबी ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक रणधीरसिंह, दोनों यूनिटों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी और उमेश ओझा ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया। वहां से दिनेश एमएन प्रतापनगर थाने में गए। निलम्बित खान सचिव अशोक सिंघवी को प्रतापनगर थाने में रखा गया। उन्हों ने प्रतापनगर थाने में जाकर आरोपी अशोक सिंघवी से पूछताछ की। इस दौरान थाने में ब्यूरों के एएसपी बृजेश सोनी भी मौजूद थे। थानाधिकारी प्रतापनगर मंजीतसिंह ने कई वर्षों के बाद थाने में आने पर आईजी दिनेश एमएन का स्वागत किया।
नहीं सोए करोड़ों का लेन-देन करने वाले
खान आवंटन को लेकर करोड़ों की घूस के मामले में एसीबी की रिमाण्ड पर खान सचिव सहित पांच आरोपी रात भर नहीं सो पाए। खान सचिव से तो रात भर ब्यूरो के अधिकारी पूछताछ करते रहे, वहीं शेष चारों आरोपियों को बैरक में रखा गया, जहां रात भर परेशान होते रहे। जेल में गए खदान मालिक सहित तीनों भी रात भर नहीं सो पाए।
निलम्बित खान सचिव सिंघवी को प्रतापनगर थाने में, बिचौलिया संजय सेठी और राशिद को भुपालपूरा थाने की बैरक में तथा आरोपी अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत और अधीक्षण अभियंता पुष्करराज आमेटा को अंबामाता थाने में रखा गया। जेल में बंद खदान मालिक शेरखान, सीए श्याम एस सिंघवी और धीरेन्द्र उर्फ चिंटू के लिए भले ही अलग से व्यवस्था की गई थी, परन्तु इनकी भी स्थिति काफी गंभीर थी। रात भर एक भी आरोपी सो नहीं पाया और परेशान उनके चेहरे पर स्पष्ट रूप से झलक रही थी।