उदयपुर। प्रतिरोध के सिनेमा के तहत उदयपुर फिल्म सोसायटी द्वारा 25, 26 और 27 सितम्बर को उदयपुर फिल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस बार आयोजन में फिल्मकारों और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को विभिन्न परिचर्चाओं से एक मंच पर लाने का प्रयास है।
सोसायटी के शैलेन्द्र प्रतापसिंह भाटी ने बताया कि इस वर्ष फेस्टीवल की मुख्य थीम ‘फासीवाद के खिलाफ सांस्कृतिक संघर्ष’ है, जबकि ‘जनजाति और श्रम अधिकारों पर मंथन’ उप-विषय के तौर पर रखा गया है। पिछले वर्ष से ही हमने इस फिल्म फेस्टीवल में स्थानीय फिल्मकारों की फिल्मों को भी शामिल करना शुरु किया है। इस साल जिन फिल्मों का चयन फिल्म फेस्टीवल मे किया गया है उसमे इस बात का ध्यान रखा गया है कि स्थानीय प्रतिभाओं के साथ-साथ फेस्टीवल की थीम भी इसमें उभर कर सामने आए।
वर्ष 2006 में प्रतिरोध के सिनेमा की गोरखपुर में स्थापना के साथ ये कारवां शुरू हुआ। तीसरा उदयपुर फिल्म फेस्टीवल 46 वां आयोजन है। प्रो. एमएम कलबुर्गी और कॉमरेड गोविंद पानसरे को तीसरा उदयपुर फिल्म फेस्टीवल समर्पित है जिनकी इस वर्ष हत्यायएं कर दी गई थीं। दोनों अपने जीवन के अंतिम समय तक अंधविश्वास, जातीय शोषण और साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ते रहे। यह फिल्म फेस्टीवल इस्मत चुगताई, भीष्म साहनी, और चित्तोप्रसाद इन प्रगतिशील लेखकों और कलाकारों को भी समर्पित किया गया है। यह इनका जन्मशताब्दी वर्ष है ।
सोसायटी के आयोजनों में सिनेमा से जुड़ी कई हस्तियां आती रही हैं जिनमें आनंद पटवर्धन, संजय काक, अशोक भौमिक, बेला नेगी, सूर्य शंकर दाश, नकुल सिंह साहनी, संजय मट्टू, वरुण ग्रोवर, मोहम्मद गनी, विवेक कजारिया, राम कुमार सिंह, गजेन्द्र श्रोत्रिय, मुकेश बिजोले व महावीर वर्मा शामिल रहे हैं। उदयपुर फिल्म सोसाइटी द्वारा विभिन्न मोहल्लों और कॉलोनियों में भी फिल्म दिखाने की शुरुआत करते हुए ‘मोहल्ला फिल्म क्लब’ की शुरुआत की गई है।