उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के चलाये जा रहे ‘सखी’ अभियान के अंतर्गत मटून की 20 सखियों ने मात्र 19 दिन में आंगनवाड़ी की बालिकाओं के लिए 1000 यूनिफार्म बनाने का लक्ष्य प्राप्त किया।
तकरीबन 8 घंटे रोज आकर इन महिलाओं ने हर प्रकार का कार्य जिसमें कपड़े की नपाई, कटाई, सिलाई, बटन लगाना व प्रेस करके पैकिंग करना सब शामिल रहा। स्कूल यूनिफार्म के कार्य करने के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने हाल ही में चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें हिन्दुस्तान जिंक की ओर से ट्रेनर नियति कोठारी ने ट्रेनिंग दी थी। इस कार्यषाला में महिलाओं को स्कूली यूनिफार्म बनाने व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया था।
इन मटून की 20 सखियों ने अपने कार्यों को आपस में बांटा। कुछ महिलाएं केवल नापा व कटिंग का कार्य करती रही। कुछ महिलाएं केवल सिलने का कार्य करती रही और कुछ महिलाओं ने बीड़ा उठाया इन बालिकाओं की यूनिफार्म को प्रेस करके पैक करने का।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन एवं प्रोजेक्ट सखी पवन कौशिक ने बताया कि वेदान्ता फाउण्डेशन व हिन्दुस्तान जिंक की ओर से इन सभी सखियों को आज पारिश्रमिक दिया गया।
हिन्दुस्तान जिंक वेदान्ता फाउण्डेषन एवं राजस्थान सरकार ने हाल ही में समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर हिन्दुस्तान जिंक व वेदान्ता फाउण्डेषन को 3055 आंगनवाड़ियों को गोद दिया है। इनमें से 1000 आंगनवाड़ियों के बच्चों को स्कूली यूनिफार्म दी जाएगी। इन बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म बनाने का बीड़ा हिन्दुस्तान ज़ि़क के प्रोजेक्ट ‘सखी’ ने उठाया है। मटून की सखी महिलाएं बालिकाओं के लिए यूनिफार्म बना रही हैं तथा देबारी की सखी महिलाएं लड़कों की यूनिफार्म बना रही हैं।
सखी ममता, बंसती, हेमलता व इन्द्रा आदि सभी ने जुड़कर प्रसन्नत व्यक्त की तथा कार्य सीखने के साथ-साथ उत्पाद बनाने की भी इस विधि की सराहना की। सखी ममता ने कहा कि कार्य सीखना अपने आप में रोचक व महत्वपूर्ण है परन्तु उसके साथ-साथ उत्पाद बनाने से रूचि और बढ़ गई है। कौशिक ने बताया कि ‘सखी’ अभियान के अंतर्गत हिन्दुस्तान जिंक विभिन्न जिलों में मार्केट के अनुसार सखियों द्वारा क्लस्टर की स्थापना कर रहा है। इन क्लस्टरों में यूनिफार्म क्लस्टर एक बड़ा क्लस्टर होगा जिसको कुछ चुनिनन्दा जिलों में स्थापित किया जाएगा।