स्कूली बच्चों ने किताबों, उपकरणों से जाना विज्ञान
बच्चों ने जमकर की खरीददारी
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे नो दिवसीय उदयपुर पुस्तक मेले के चौथे दिन मंगलवार को स्कूली बच्चों का हूजूम उमड़ पड़ा।
शहर व आस-पास के क्षेत्रों से सैंकड़ों स्कूली बच्चों के दल 35 से ज्यादा बसों में सवार होकर सुबह मेले के तय समय से पहले ही पांडाल में पहुंच गए। मेले का दौरा करते हुए प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने से कहा कि ज्ञानार्जन के लिए पुस्तकों की आवश्यकता महत्ता जरूरी है। जिन्दगी के अकेलेपन में पुस्तकें हमारे जीवन में मित्र का कार्य करती हैं। पुस्तकों से मिले ज्ञान के माध्यम से ही व्यक्ति अपना व्यक्तित्व निखारता है। पुस्तकों के माध्यम से इतिहास की जानकारी आसानी से मिल सकती है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से हमें कई महापुरूषों व ज्ञानियों की ज्ञानवर्धन बातों से हमें उर्जा एवं प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल, प्रो. एनएस राव, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. हरीश शर्मा सहित विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
विज्ञान के प्रति अधिक उत्सुकता : मेले में स्कूली बच्चों ने विज्ञान के उपकरणों की ओर अधिक रूचि दिखाते हुए विज्ञान के उपकरणों के बारे में अपने सवाब-जवाब किए तथा उनकी खरीदारी भी की। बच्चों ने शैक्षिक सीडी-डीवीडी भी खूब पसंद की तथा अपनी पसंद व कोर्स के अनुसार उनके सेट खरीदे। इसके अलावा बच्चों को विभिन्न भाषाओं के शब्दकोश भी पसंद आएं।
आज मेले में खास : 7 अक्टूबर को आओ विज्ञान पर आधारित एक कहानी लिखें विषय पर बच्चों को कहानी लिखना सिखाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों के लिए विभिन्न स्पर्धाएं भी होंगी।