कठोर कार्रवाई व मुआवजे की मांग पर की कार्रवाई
उदयपुर। शहर के अंबामाता थाना क्षेत्र में कालबेलियों द्वारा शराब के नशे में एक वृद्ध की पीट-पीटकर हत्या करने के मामलें में बुधवार को पूर्बिया (कलाल) समाज के युवा कार्यवाही की मांग को लेकर अड़ गए। समाज के युवाओं की मांग पर रात्रि को ही पुलिस-प्रशासन ने अवैध रूप से बने कालबेलिया समाज के तीन मकानों को तोड़ दिया।
सुबह मुर्दाघर में कठोर कार्यवाही और मुआवजे की मांग को लेकर समाज के लोगों ने शव उठाने से इंकार कर दिया। बाद में समझाईश और जिला कलेक्टर की ओर से आश्वासन देने के बाद समाज के युवा माने और शव लेकर गए। उल्लेरखनीय है कि मंगलवार रात्रि को पूर्बिया कॉलोनी मल्लातलाई निवासी वकील गजेन्द्र पूर्बिया पुत्र भंवरलाल पूर्बिया अपने घर पर जा रहा था। कॉलोनी के बाहर ही सडक़ पर कालबेलिया समाज के युवा शराब पी रहे थे और आपस में गाली-गलौज कर रहे थे। गजेन्द्र ने इन्हें टोका तो आरोपी उलझने लगे और शराब के नशे में मारपीट करनी शुरू कर दी। हो-हल्ला सुन कॉलोनी के लोगों के साथ गजेन्द्र के पिता भंवरलाल पूर्बिया मौके पर पहुंचे। कालबेलिया समाज के लोगों ने पत्थराव कर दिया। इसमें भंवरलाल के सिर में गंभीर चोट आई। मौके पर काफी लोग एकत्र हो गए और तत्काल सभी को एम.बी. चिकित्सालय में लेकर गए। जहां उपचार के दौरान भंवरलाल ने दम तोड़ दिया।
पूर्बिया की मौत की जानकारी पर चिकित्सालय में मृतक के सैकड़ों परिजन और रिश्तेदार एकत्र हो गए और कार्यवाही की मांग पर हंगामा कर दिया। काफी संख्या में लोग कॉलोनी के बाहर अवैध रूप से बसे कालबेलिया समाज के लोगों के बाहर एकत्रित हो गए। सूचना पर एडिशनल एसपी सिटी डॉ. राजेश भारद्वाज, डिप्टी गोपालसिंह भाटी, सीआई अंबामाता राजेन्द्र जैन प्रतापनगर सीआई मंजीतसिंह, भूपालपुरा थानाधिकारी चांदमल, हिरणमगरी थानाधिकारी छगन पुरोहित, हाथीपोल थानाधिकारी राजेश शर्मा, सूरजपोल थनाधिकारी जितेन्द्र आंचलिया ने लोगों से समझाइश की। मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर ओपी बुनकर भी आ गए थे।
रात्रि को ही पूर्बिया समाज युवाओं ने पुलिस के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और अवैध रूप से बसे कालबेलिया समाज के मकानों को तोडऩे की मांग पर अड़ गए। प्रशासन ने रात को ही जेसीबी मंगवाई। तडक़े तीन बजे मकानों को तोडऩे का काम शुरू कर दिया। क्षेत्र में पार्क की जमीन पर अवैध रूप से बने तीन मकानों को तोड़ दिया गया और एक मकान को छोड़ दिया गया।
एक मकान को नहीं तोडऩे से समाज के युवाओं में आक्रोश व्याप्त हो गया। सुबह मुर्दाघर के बाहर एकबार फिर से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सुबह मुर्दाघर के बाहर दर्जनों युवा एकत्रित हो गए और शव लेने से इंकार कर दिया। मामला बढ़ता देखकर एक बार फिर से शहर के सभी थानाधिकारियों को थाने के जाब्ते के साथ भेजा गया। जहां पर एक बार फिर से समझाईश का काम शुरू किया गया। काफी देर तक की समझाईश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जिस मकान को छोड़ा गया है, उस पर स्टे है। ऐसे में उसे नहीं तोड़ा जा सकता है। चिकित्सालय में अधिवक्ता गजेन्द्र के साथी और भाजपा नेता भी एकत्रित हो गए। पुलिस ने पांच युवकों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।