टाउन हाल मैदान में सत्संग सुनने उमड़े श्रद्धालु
उदयपुर। संत ललितप्रभ सागर ने कहा कि जो गलती करके सुधर जाए उसे इंसान कहते हैं, जो गलती पर गलती करे उसे नादान कहते हैं, जो उससे ज्यादा गलतियां करे उसे शैतान कहते हैं, जो उससे भी ज्यादा गलतियाँ करे उसे पाकिस्तान कहते हैं, पर जो उसकी भी गलतियाँ माफ कर दे उसे ही हम अपना हिन्दुस्तान कहते हैं।
संत ललितप्रभ सोमवार को श्री जैन श्वे ताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ द्वारा टाउन हाल मैदान में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुस्सा और अहंकार जीवन को नरक बनाते हैं जबकि प्रेम और क्षमा जीवन को स्वर्ग। संतप्रवर ने कहा कि गुस्सा करना दियासलाई जलाने की तरह है। दियासलाई से और कोई जले न जले, पर वह खुद तो जल ही जाती है। गुस्सा औरों द्वारा की गई गलती को खुद सजा देना है। मुनि शांतिप्रिय सागर ने नवकार गायत्री महामंत्र का सामूहिक संगान करवाया। उन्होंने मैं नन्हा-सा फूल तुम्हारा चरण-शरण में ले लेना, मैं चरणों की धूल तुम्हारी छूकर पाप दूर करना…की प्रार्थना करवाई तो श्रद्धालु आनंदित हो गए।