उदयपुर। पाली जिले के चामुण्डेरी ग्राम के पास हिरोला गांव में कुछ दिन पूर्व एक पैंथर शावक सुबह भटकते पाया गया। इस शावक को उसी दिन शाम को वनकमिर्यो ने निगरानी में रखते हुए मां से मिलाने का प्रयास किया लेकिन शावक की मां इसे मुंह में दबाकर पहाड़ी की तरफ चली गई।
मां एवं बच्चे पर निगरानी के लिए स्टॉफ को मौके पर लगाया गया ताकि बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। तीन दिन बाद यह शावक सुबह पुनः उसी क्षेत्र में पाया गया तथा शाम को फिर से इसे इसकी मां से मिलाने का प्रयास किया गया। मादा इसे अपने मुंह में दबाकर पुनः उठा ले गयी। मौके पर पुनः स्टॉफ को निगरानी के लिए लगाया गया ताकि स्थिति को सघन ढंग से मॉनिटर किया जा सके। गश्त के दौरान 12 दिसम्बर को पुनः यह शावक 3 किमी दूर मालनू गावं की सरहद में सुबह पाया गया। अगले दिन पुनः इसे इसकी मां से मिलाने के प्रयास किए गये लेकिन मां बच्चे को लेने नहीं आयी। यह बच्चा काफी कमजोर एवं कुपोषण से ग्रस्त है। सोमवार को इस बच्चे को जैविक उद्यान सज्जनगढ़ पहुंचा दिया गया जहां पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिमांशु व्यास द्वारा इसका उपचार एवं इसकी देखभाल प्रारंभ की गयी है।