सम्मेलन में भाग लेकर लौटे प्रो. बीपी शर्मा ने साझा किए अनुभव
उदयपुर। गत दिनों केन्या के नैरोबी में हुए विश्व व्यापार संगठन में एकत्र हुए करीब 162 देशों के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में पहले चार दिन तक कोई निर्णय नहीं हो पाया जिसका ठीकरा भारत पर फूटना था लेकिन भारत की वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन के सुझाव पर एक दिन का विस्तार लेकर सम्मेलन का समापन हुआ जो कुछ निर्णयात्मक स्तर पर पहुंचा।
सम्मेसलन में भाग लेकर लौटे पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रो. प्रेसीडेंट प्रो. बीपी शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि विकासशील देशों में अचानक कृषि आयातों में बढोतरी होने पर इनको अपने यहां विशेष आयात शुल्क लगाने का अधिकार होगा। इससे देश के किसानों को सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी। खाद्यान्नों के सार्वजनिक भण्डारण की स्थिति में सीमा से अधिक कृषि अनुदानों के बढ़ने पर भारत सहित किसी भी विकासशील देशों के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा सकेगी। भारत इस मद पर 10 प्रतिशत की सीमा से अधिक कृषि अनुदान भी दे सकेगा। सम्मेलन में यह भी निर्णय किया गया कि औद्योगिक देश कृषि निर्यातों पर देय अनुदानों को तत्काल समाप्त करेंगे। अल्पतम विकसित देशों के कपास निर्यातों को पूरी तरह से आयात शुल्क व आयात कोटे से मुक्त किया है। इसके साथ ही उनके सेवा निर्यातों को भी प्राथमिकता दी जायेगी। सम्मेलन में 53 देशों के बीच हुये एकाधिक पक्षीय समझौते में 13 खरब डालर के सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों के व्यापार को भी शुल्क मुक्त करने का निर्णय किया गया। औद्योगिक देशों के सभी दबावों का सफल प्रतिरोध करते हुए भारत अपनी सभी प्रमुख बातें मनवाने में सफल रहा है।