बायोमैट्रिक मशीन हटाने को लेकर किया आंदोलन
उदयपुर। सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को शहर में सफाई कार्य का बहिष्कार किया। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों ने शहर में विभिन्न स्थानों पर कचरे के कंटेनरों को सडक़ों पर खाली कर दिया। जिससे शहर में चारों तरफ गंदगी का माहौल बना रहा। देर शाम जाकर मामले में समझाईश हुई।
सोमवार को खारोल कॉलोनी, फतेहपुरा के आगे हनुमान कच्ची बस्ती निवासी प्रेम बाई (40) पुत्री रामबक्श हंस सोमवार दोपहर करीब दो बजे उदियापोल स्थित सेक्टर ऑफिस में बायोमेट्रिक मशीन हाजिरी लगाने के बाद हार्ट अटैक आने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सफाई कर्मचारियों और वाल्मीकी समाज के विभिन्न संगठनों ने कलक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था, जिसमें इन लोगों ने नगर निगम से 20 लाख रूपए मुआवजा राशी, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के साथ-साथ शहर में विभिन्न स्थानों पर लग रही बॉयोमैट्रिक्स मशीनों को हटाने की मांग की थी।
नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग, अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर ओपी बुनकर के साथ वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधिमण्डल की हुई वार्ता में बॉयोमैट्रिक्स मशीनों को हटाने से इंकार कर दिया था। इस कारण से वार्ता असफल हो गई थी और सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार से शहर में सफाई व्यवस्था को ठप्प करने का निर्णय लिया था। सुबह से ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों और वाल्मिकी समाज के लोगों ने जाकर गंदगी फैलानी शुरू कर दी। शहर में विभिन्न क्षेत्रों में रखे हुए कचरे के कंटेनरों को सडक़ों पर खाली कर दिया और कंटेनरों को सडक़ के बीच में ही छोड़ चले गए। इधर सभी सफाई कर्मचारी और वाल्मींकि समाज के विभिन्न संगठन सुबह से ही नगर निगम पहुंच गए और पोर्च में ही बैठकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सूचना पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर ओपी बुनकर भी पहुंचे। आयुक्त सिहाग और बुनकर ने समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता की। समाज के प्रतिनिधि सुबह से ही केवल बॉयोमैट्रिक्स मशीनों को हटाने की मांग पर अड़े रहे। सुबह से ही निगम में कोई काम नहीं हुआ। बार-बार निगम में सफाई कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है और नारेबाजी की जा रही है।