जैन जागृति सेंटर के तत्वावधान में जैन महिला महाकुंभ खो-खो स्पर्धाओं का समापन
उदयपुर। पूर्व जिला प्रमुख मधु मेहता ने कहा कि शहर के इतिहास में पहली बार विभिन्न जैन महिला संगठनों की खो खो प्रतियोगिता के साथ महिलाओं के खेलने का शुरू हुआ यह क्रम रूकना नहीं चाहिए। घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर महिलाओं को यह मैदान उपलब्ध कराने के लिए जैन जागृति सेंटर के पदाधिकारी भी बधाई के पात्र हैं।
वे शनिवार को जैन जागृति सेंटर के तत्वावधान में सौ फीट रोड स्थित शुभ केसर गार्डन में खो खो प्रतियोगिता के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप् में संबोधित कर रही थीं।
विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर रजनी डांगी ने कहा कि हारने वाले अगली बार मेहनत करें। टीमें भी बढ़ें ताकि स्पर्धा कम से कम पांच दिन तक चले। शरीर को तंदुरस्त रखने का सबसे बढ़िया माध्यम खेल है। अनुशासन की जो भावना यहां दिखी है, वह काबिले तारीफ है।
सेंटर के अध्यक्ष महेन्द्र तलेसरा ने बताया कि स्पर्धा की विजेता सीता ग्रुप की टीम रही जिसने चंदनबाला ग्रुप को एक पारी और 3 पाइंट से हराया। कुल भाग लेने वाली दस टीमों के कल छह मैच हुए जबकि चार मैच शनिवार को हुए। पहला सेमीफाइनल सीता और ब्राह्मी ग्रुप में हुआ जिसमें सीता ग्रुप विजयी रहा जबकि दूसरा सेमीफाइनल सुंदरी ग्रुप और चंदनबाला में हुआ। इसमें चंदनबाला ग्रुप विजयी रहा। फाइनल सीता और चंदनबाला ग्रुप में हुआ जिसमें सीता ग्रुप विजयी रहा। विजेता टीम को सात हजार नकद एवं ट्रॉफी, उपविजेता चंदनबाला ग्रुप को पांच हजार नकद और ट्रॉफी प्रदान की गई। तीसरे स्थान पर रही टीम ब्राह्मी ग्रुप को तीन हजार नकद और ट्रॉफी प्रदान की गई। इनके अतिरिक्त प्लेयर ऑफ द गेम के तहत भाग्यश्री गन्ना और रेखा पोरवाल को एक-एक हजार रुपए नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय पावर लिफ्टर माला सुखवाल ने कहा कि कल तो आप मेरी सिर्फ बड़ी बहनें थी लेकिन आज बड़ी खिलाड़ी बहनें हो गई हैं। स्पर्धा में 66 वर्षीय बेला जैन और सरला बांठिया ने हिस्सा लेकर यह साबित किया कि खेलने के लिए कोई उम्र नहीं होती। मन में जज्बा होना चाहिए। जो जीते उन्हें बधाई और जो हारे, वे निराश न हों। अगर वे नहीं हारते तो जीतने वाले कैसे जीतते। इसलिए उनकी जीत में सहयोगी बने, इसी के लिए बधाई।
सेंटर के संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि स्पर्धा से पहले सभी को चिंता थी कि टीमें कहां से आएगी लेकिन अब यह लगता है कि अगली बार दो दिन नहीं बल्कि पांच दिन के लिए स्पर्धा करनी पड़ेगी। खेलों से महिलाओं के साथ समाज में नई जाग्रति आई है। वो दिन दूर नहीं जब महिला-पुरुष एक साथ कदमताल करेंगे।
सेंटर महामंत्री सुधीर चित्तौड़ा ने बताया कि मैच में राजेश जीनगर और दिलीप मेहता ने निर्णायक की भूमिका निभाई जबकि स्कोरर गजेन्द्र चौबीसा तथा टाइम कीपर मोतीदास थे। श्याम नागौरी ने कमेन्टर की भूमिका निभाई। प्रत्येक टीम की प्रत्येक सदस्य को प्रोत्साहन पुरस्कार तो प्रदान किए गए।
स्पर्धा की संयोजक विजयलक्ष्मी गलुण्डिया एवं अनिता भाणावत ने प्रतिस्पर्धा का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अतिथियों का का उपरणा, माला एवं मेवाड़ी पगड़ी से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र तलेसरा ने किया। आभार महामंत्री सुधीर चित्तौड़ा ने व्यक्त किया।