उदयपुर। पेसिफिक दंत महाविध्यालय एवं चिकित्सालय तथा इंडियन डेंटल एसोसिएशन उदयपुर ब्रांच के संयुक्त तत्वावधान में रविवारको दंत चिकित्सकों की कार्यशैली से सम्बंधित मांस पेशियों एवं हड्डियों में होने वाले दुष्प्रभावों पर कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता कुर्ग कर्नाटका से सीनियर प्रोफेसर डॉ. जितेश जैन ने बताया कि दंत चिकित्सकों में मरीजों के इलाज के दौरान अपनाने वाले विभिन्न प्रकार के गलत आसनों से होने वाली परेशानियां अत्याधिक रुप से बढ़ रही है।
इससे कम उम्र से ही दंत चिकित्सकों में मरीजों के प्रति कार्यक्षमता में कमी होना एवं स्वयं दंत चिकित्सकों को शल्य चिकित्सा की आवश्यकता पड़ रही हैं। डॉ. जैन ने दंत चिकित्सकों को तनावमुक्त रहने की सलाह दी एवं मरीज़ों का इलाज करते समय गर्दन एवं रीड की हड्डी को सीधा रखने एवं कार्यशैली संबंधित विभिन्न प्रकार के बदलाव करने के बारे मे अवगत कराया। कार्यशाला के दौरान प्रिन्सिपल डॉ. भगवानदास राय, आईडीए प्रेसीडेंट डॉ. अक्षय प्रकाश शर्मा, सेक्रेटरी डॉ. कैलाश असावा, डॉ. नागेश भट्ट, डॉ. प्रशांत नाहर, डॉ. मृदुला टाक सहित 200 दंत चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।