धूमधाम से हुआ निपुणरत्न विजय म.सा. का मंगल प्रवेश
उदयपुर। हिरणमगरी से. 4 स्थित श्री शांतिनाथ सोमचन्द्र सूरी आराधना भवन की ओर से पन्यास प्रवर निपुणरत्न विजय मसा के साथ विदुषी साध्वी कीर्तिरेखाश्री की शिष्या अर्हदरेखाश्री, निधिरेखा, रूचिरेखा एवं साध्वीश्री दश्रिखा श्री का भव्य मंगल चातुमार्सिक प्रवेश धूमधाम से आज से. 4 स्थित श्री शांतिनाथ सोमचन्द्र सूरी आराधना भवन श्री शांतिनाथ श्वेताम्बर जिनालय में हुआ।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए निपुणरत्न विजय म.सा. ने कहा कि दुनिया को खुश करना साधु का कार्य नहीं है क्योंकि वह सिर्फ अपने प्रभु को खुश करने में लगा रहता है। जिस लक्ष्य को लेकर साधु जीवन अपनाया जाता है ,उसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए आजीवन उसी पथ पर साधु चलता रहता है।
साध्वी अर्हदरेखाश्री ने कहा कि प्रकृति का जगत में अलौकिक वातावरण देखने को मिलता है। ऋतु परिवर्तन होते-होते वह जगत के जीव मात्र को यह संदेश देती है कि वह भी अपने भतीर परिवर्तन लायें। चातुर्मास आत्मा को परमात्मा बनाने का एक माध्यम है।
जिनालय के अध्यक्ष सुशील बांठिया ने बताया कि इससे पूर्व प्रातः आठ बजे तुलसी निकेतन से गाजे-बाजे एवं घोडे़ के साथ शोभायात्रा प्रारम्भ हुई। आगे-आगे जैन समाज की ध्वजा लिये घुड़सवार चल रहे थे। महिलाएं सिर पर कलश लिये केसरिया लहरिया पहन एवं पुरूष धवल वस्त्र में साथ चल रहे थे। शोभायात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई आयोजन स्थल पर पंहुच कर धमर्सभा में परिवर्तित हुई। प्रतिदिन प्रतिक्रमण सायं साढ़े सात बजे होंगे।
बांठिया ने बताया कि निपुणरत्न विजय मसा की निश्रा में प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को महिलाओं एवं बालकों के लिए शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जिसके लिए विभिन्न लाभार्थियों ने अपने नामों की घेाषणा की। मुख्य अतिथि के रूप में महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, समाज रत्न किरणमल सावनसुखा, भोपालसिंह दलाल, मनोहरसिंह नलवाया आदि मौजूद थे। संचालन अरूण बड़ाला ने किया।