जमा करानी होगी दो करोड़ रूपए पेनल्टी
उदयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में शहर के भड़भूजा घाटी स्थित वरूण मॉल को दो करोड़ रूपए जमा कराकर खोलने का आदेश दिया। इस मॉल के सीज होने से करीब 100 से अधिक दुकानदार प्रभावित थे। दुकानदारों में हर्ष की लहर दौड़ गई।
उल्लेखनीय है कि भड़भूजा घाटी पर अरोड़ा खत्री समाज के नोहरे की जमीन पर दी गई आवासीय स्वीकृति पर 123 दुकानों के बनाए गए व्यावसायिक वरूण मॉल को नगर निगम ने सीज कर दिया था। भड़भूजा घाटी में अरोड़ा खत्री समाज के नोहरे के लिए एक जमीन थी। वर्षों से यह जमीन खाली पड़ी थी और मकान जर्जर अवस्था में था। समाज के विजय अरोड़ा ने निगम में समाज के नोहरे के लिए आवासीय स्वीकृति प्राप्त कर वरूण मॉल बना दिया। जिसमें 123 दुकानों का निर्माण कर दिया गया। वरूण मॉल बनने के बाद इन सभी दुकानों को लाखों रूपए लेकर लीज पर दे दिया गया। शिकायत पर उच्चाधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी गई और बाद में इस निर्माण संबंधी असली फाइलों को निकलवाया गया। सामने आया कि उक्त निर्माण गलत है और निगम को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई। मॉल को सीज कर दिया गया।
शहर में अब भी चर्चा का विषय यही है कि निगम के कतिपय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने जब मॉल की स्वीकृति दी, गलत निर्माण किया गया, निगम के उन भ्रष्ट अधिकारी और जनप्रतिनिधियों पर क्याी कार्रवाई हो पाएगी।