रोटरी उदयपुर द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा : 21 वीं सदी में चुनौतियां पर वार्ता
उदयपुर। अमेरीका की कोरनेल यूनिवर्सिटी के फेलो मेम्बर एवं आईएलओ दिल्ली के प्रोजेक्ट कन्सलटेन्ट अभिनव पण्ड्या ने कहा कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में जिस प्रकार से वैश्विक मंच भारत एक नई उदीयमान शक्ति बन कर उभरा है लेकिन यह बात विदेशी एजेन्सियों को नागवार गुजर रही है और वे विदेशी एजेन्सियां भारत को सांस्कृतिक, धार्मिक एंव आध्यात्मिक रूप से तोड़ने की कोशिश कर रही है।
अमेरिका की एजेन्सियों द्वारा डूंगरपुर-बांसवाड़ा के करीब 80 गांवो सहित छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में रिसर्च प्रोजेक्ट चलाकर वहां के आंकड़े इकठ्ठे कर किस प्रकार उपयोग में लिये जाएंगे और उनका कहां उपयोग होगा, इस पर निगरानी रखने की जरूरत है।
वे आज रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षाः 21 वीं सदी में चुनौतियां विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में विदेशी एजेन्सियों द्वारा प्रायोजित नक्सली एवं जेहादी घटनाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
विश्व में चल रहे जेहादी एवं आतंकवाद को रोकने के लिए बरेलवी एंव सूफी शाखा को मजबूत बनाकर इसे रोका जा सकता है जबकि अब तक देश में वहाफी व देवबन्दी विचारधारा के चलते जेहादी घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। जेहादी संगठन भारत में नक्सलियों के साथ मिलकर भारत को तोड़ने की कोशिशें की जा रहे है। आने वाले समय में साइबर क्राइम में बढ़ोतरी होगी।
जो कार्य करीब 200-250 वर्ष पूर्व ब्रिटिश राजाओं ने भातर में किया था कि देश के दक्षिण भारत में द्रविड़ और आर्य में फूट डलवाकर उन्हें अलग-अलग करवा दिया था। वहीं कार्य आज विदेशी एजेन्सियंा देश में कर रही है। 1960 में अमेरीका की सीआईए एजेन्सी ने दक्षिण भारत में द्रविड़ आन्दोलन को हवा देकर उसे और भड़काने का कार्य किया था।
पण्ड्या ने कहा कि अमेरीका मंे वर्तमान में इस बात पर खोज कर उसे इस प्रचारित किया जा रहा है कि भारत अल्पसंख्यक विरोधी है। वह उन्हें कुचलने का प्रयास कर रहा है। वे यह भी बताना चाहते है कि भारतीय सभ्यता,संस्कृति,धार्मिक एवं आध्यात्म के रूप में हमसे काफी पीछे है। भारतीय इतिहास,राजनैतिक परिदृश्य को गलत तरीके से विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
भारत में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है जिन्हें विदेशों से भारत में देश विरोधी बातें कह कर अराजकता फैलाने के लिए फंडिग हो रही है। ये संस्थाएं किसी भी प्रकार की गतिविधि में सही बात को गलत तरीके पर अपने विचार प्रस्तुत कर देश का माहौल बिगाड़ाने की कोशिश कर रही है। इसमें मीडिया भी पीछे नहीं है। कुछ मीडिया हाउस को भी विदेशी एजेन्सियों से फंडिग हो रही है। उड़ीसा में हुई एक घटना को लेकर भारत निवासी जॉन दयाल द्वारा अमेरीका जा कर भारत विरोधी बयान दिये गये। इसकी जांच कराई जानी चाहिये कि उन्होंने ऐसा किसके कहने पर किया।
इन सभी घटनाओं से उपर उठने के लिए भारत को अमेरीका एवं इजरायल से गठबंधन कर पाकिस्तान एवं चीन को अलग थलग करना होगा। इसमें भी कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि भारत आने वाले समय में अपनी आध्यात्मिक शक्तियों के कारण ही विश्व के समक्ष मजबूती के साथ खड़ा होगा।
क्लब अध्यक्ष मानिक नाहर ने कहा कि 21 वीं सदी में भारत के समक्ष जिस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर काफी चुनौतियां बढ़ रही है, उससे निपटने के लिए भारत को विशेष प्रयास करने होंगे। भारत को सर्वाधिक चुनौती साइबर अटैक,पर्यावरण ह्ास के कारण हो रही तापमान में वृद्धि हो रही है। भारत में साम्प्रदायिक हिंसा एवं जेहादी घटनाओं की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हुई है, उनसे निपटने के लिए भारत को विशेष सार्थक प्रयास करने होंगे। क्लब सचिव अनिल छाजेड़ ने आागमी सप्ताह आयेाजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। अंत में छाजेड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रारम्भ में प्रभा डूंगरवाल ने ईश वंदना प्रस्तुत की।