उदयपुर। मेडीसेन्टर सोनोग्राफी एण्ड क्लिनिकल लैब ने एनएबीएल एक्रीडिएशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर संभाग की पहली और राज्य की छठीं लैब बनने का गौरव प्राप्त किया।
संस्थान के चेयरमेन डॉ. मनीष सेठ ने 100 फीट लिंक रोड़ सोभागपुरा में मेडीसेन्टर की नयी खुली ब्रान्च के उद्घाटन एवं मेडीसेन्टर की 9 वीं वर्षगांठ पर आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि लेब ने एनएबीएल यानि राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यापन बोर्ड के 395 मानकों पर खरा उतरने के बाद लैब को यह सर्टिफिकेट 2 वर्ष के लिए प्रदान किया गया। जो यह साबित करता है कि लैंब में की हुई जांचों की प्रमाणिकता एवं विश्वसनीयता का प्रमाण है।
डॉ. मयंका सेठ ने बताया कि 9 वर्ष पूर्व हॉस्पिटल रोड़ पर शुरू की गई मेडीसेन्टर लैब ने इस दौरान जांचों में विश्वसनीयता पर खरा उतरने का प्रयास किया। लैब ने पहली बार शहर में माइक्रोबायोलोजी की प्रथम ओटोमेटिक कल्चर प्रणाली, कैंसर में रूटीन बायोप्सी जांच के बाद की जाने वाली विशेष स्टेनिंग तकनीक,जिससे कैंसर का प्रकार व उस पर कारगर दवाईयों की स्थिति के बारंे में पता लगाने वाली वाली इम्यूनोहिस्टोकेमेस्ट्री मशीन,शरीर की कोशिकाओं की सबसे सूक्ष्मतम भाग डीएनए की जांच करने वाली मशीन स्थापित की।
डॉ. मनीष सेठ ने बताया कि मेडीसेन्टर लैब पर हर प्रकार की सोनोग्राफी अत्याधुनिक सोनोग्राफी मशीन से ही जाती है। मंा के पेट मे बच्चे के विकारों का पता लगाने के काम आने वाली एनामली स्केन मशीन भी यहां उपलब्ध है और बच्चें के ह्दय में किसी प्रकार के विकार की स्थिति का भी पता आसानी से लगा सकती है। इसमें लैब ने विशेषज्ञता हासिल कर रखी है।
उन्होेंने बताया कि यहंा पर सोनोग्राफी गाईडेड एफएनएसी,सीटी गाईडेड बायोप्सी एवं सुई से पेट व छाती में भरे पानी निकालने की प्रक्रिया भी पूरी क्षमता के साथ प्रतिदिन की जाती है। शीघ्र ही संस्थान में पैथोलोजी एवं रेडियोलोजी क्षेत्र में नये बनने वाले चिकित्सकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रारम्भ करने पर विचार किया जा रहा है।