उदयपुर। मेवाड़ में भले ही अभी भी मौसम की आँख-मिचौनी चल रही हो, लेकिन मूल आवास क्षेत्रों में शीलतकाल प्रारम्भ हो जाने से वहाँ के पखेरुओं का अपेक्षाकृत कम ठण्डे क्षेत्रों की ओर प्रवास शुरू हो गया है।
पर्यावरणविद् एवं राजस्थान वन्यजीव सलाहकार मण्डल के पूर्व सदस्य डॉ. रज़ा एच. तहसीन ने उदयपुर में प्रवासी पक्षियों के आने की पुष्टि की है। डॉ. तहसीन ने बताया कि शहर और आसपास के नम-भूमि एवं स्थलीय क्षेत्रों में व्हाइट वैगटेल, यलो वैगटेल, सिट्राइन वैगटेल, पाइड एवोसिट, ग्रीन सैण्डपाइपर, वुड सैण्डपाइपर का आगमन हो चुका है।
वैगटेल की प्रजातियाँ उत्तपर-पश्चिमी साइबेरिया, स्कैण्डिनेविया, रूस, मंगोलिया इत्यादि क्षेत्रों से आती हैं जबकि सैण्डपाइपर सुदूर उत्तेरी यूरोप, साइबेरिया एवं अलास्का तक से आते हैं। पाइड एवोसिट यूरोप, पश्चिमी एवं मध्य एशियाई क्षेत्रों से आती हैं। डॉ. तहसीन के अनुसार इस बार भरपूर बारिश के कारण इन प्रवासी पक्षियों का वितरण छोड़े-बड़े सभी नम-भूमि क्षेत्रों में होने की सम्भावना है, किन्तु मानवीय व्यवधान इसमें बाधक बन सकते हैं।