आरएसएस की 90 वर्ष बाद बदली गणवेश
उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 90 वर्षों बाद बदली गणवेश में स्वकयंसेवकों के सधे कदमों से विजयदशमी पर पथ संचलन निकाला गया। अब खाकी निकर का स्थान सलेटी रंग की पतलून ने ले लिया है। नियमबद्ध तरीके से सुबह ठीक 10 बजे टाउनहॉल से आरंभ हुआ।
संघ का पथ संचलन सज्जन शक्ति संवर्द्धन एवं समाज में अनुशासन निर्माण हेतु निकाला जाता है। संचलन नगर निगम प्रांगण से सूरजपोल चौराहा, स्थल चौराहा, मुखजी चौक, तेलियों की माता, घण्टाघर, आयुर्वेद चिकित्सालय, हाथीपोल, अश्विनी बाजार, दण्डपोल, नीम का चौक, बोहरवाड़ी, बोकड़िया भेरूजी, मालदास सेहरी, जावरियों का जैन मंदिर, चौखला बाजार, मण्डी की नाल, हनुमान मंदिर, धानमंडी चौक, दिल्ली गेट होता हुआ पुनः नगर निगम प्रांगण पहुंचा। मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था प्रशासन के साथ-साथ संघ के कार्यकर्ताओं ने कुशलता से संभाली। इस बार के संचलन में 8 घोष दल के स्वयंसेवकों ने घोष वादन किया। संचलन समाप्ति पर घोष के श्रृंग, बंशी वादन का प्रदर्शन किया गया। उदयपुर शहर के संचलन में 1 ध्वजवाहिनी, 34 वाहिनियों में कुल 1634 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। संचलन को पूरे मार्ग में नागरिक बंधुओं ने बड़े उत्साह से देखा।
स्वागत – शहर के प्रमुख चौराहों पर समाजजनों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। ओड़ समाज, स्वर्णकार समाज, सिंधी समाज, राष्ट्र सेविका समिति, भारतीय जनता पार्टी युवामोर्चा, महिला मोर्चा, हिन्दू जागरण मंच, राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, मुस्लिम समाज एवं अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओं ने संचलन मार्ग में परम पवित्र भगवाध्वज पर पुष्पवर्षा करके संचलन का स्वागत किया।