वन विभाग की अभिनव पहल पर उमड़ेगा प्रकृति प्रेमियों का सैलाब
उदयपुर। वन विभाग की ओर से वनीय पर्यटन को प्रोत्साहन देने तथा देश-दुनिया में राजस्थान के नैसर्गिक वनीय पर्यटन केन्द्रों विशेष पहचान बनाने के मकसद से 26 अक्टूबर को पाली, राजसमन्द एवं अजमेर जिलों की सीमाओं में 475 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पसरे हुए तथा महाराणा प्रताप की ऎतिहासिक युद्ध गाथाओं के साथ दिवेर विजय से जुड़े रावली टाड़गढ़ वन्य जीव अभयारण्य में वन भ्रमण व अवलोकन दौरा होगा।
मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) राहुल भटनागर के अनुसार इस अभयारण्य से दुनिया भर को परिचित कराने के लिए आगामी 26 अक्टूबर को इको टूरिज्म प्रोमोशन के अंतर्गत रावली-टॉडगढ़ वन्य जीव अभयारण्य में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा।
इस दिन प्रातः 9 बजे मेवो का मठरा, विजय स्मारक दिवेर पर प्रकृति प्रेमी, स्कूली बच्चे व देशी-विदेशी सैलानियों के समूह एकत्रित होंगे। इसके उपरांत विजय स्मारक का भ्रमण, मैराथन ऑफ मेवाड़ की जानकारी देने, टॉडगढ़ रावली अभयारण्य के विभिन्न दर्शनीय प्राकृतिक स्थलों का अवलोकन आदि के बाद अल्पाहार कार्यक्रम निर्धारित है। दोपहर 10.30 बजे दिवेर से छापली पहुंच कर युद्ध स्मारक दर्शन, 10.45 से 11.30 बजे तक नवालिया पुग का भ्रमण, मध्याह्न 12 से 2 बजे तक नवलियापुग से गोकुलगढ़ वाया टॉडगढ़ रावली अभयारण्य होते हुए सामूहिक इको ट्रेक का आयोजन होगा।
इको ट्रेक करते हुए गोकुलगढ़ पहुंच कर इसका अवलोकन किया जाएगा। गोकुलगढ़ व्यू पाइंट व दर्शनीय स्थल है जहां से अभयारण्य का सम्पूर्ण मनोहारी विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
अभयारण्य में इस दिन पहुंचने वाले सभी प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए भोजन सुविधा भी वन विभाग की ओर से निर्धारित है। रावली टॉडगढ़ वन्य जीव अभयारण्य के नाम से मशहूर इस भू-भाग में 55 मीटर ऊँचाई से गिरने वाला मनोरम भील बेरी झरना, दूधालेश्वर महादेव का प्राचीन शिवालय, दिवेर इको स्थल, गोरम घाट ट्रेन सफारी, बगड़ी इको स्थल, दिवेर विजय स्मारक, युद्ध स्मारक, प्राकृतिक रमणीयता से भरे-पूरे गांव छापली, नवलीपुग, इकोट्रेक, गोकुलगढ़ व्यू पाइंट आदि विशिष्ट स्थल हैं जो अपने आप में खास आकर्षण जगाने के साथ ही मन मोह लेने वाले हैं। मैराथन ऑफ मेवाड़ की परिकल्पना यहां मूर्त रूप लेती प्रतीत होती है।
इको टूरिज्म प्रोत्साहन की पहल
वन विभाग ने इस क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया है और इस दिशा में व्यापक गतिविधियों को मूर्त रूप दिया है। इसी मकसद से दिवेर युद्ध की वर्षगांठ पर आगामी 26 अक्टूबर को इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्यक्रम हाथ में लिया गया है। इसके अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर देशी-विदेशी सैलानियों को इस अनूठे पर्यटन स्थल से परिचित कराकर इसे भारतवर्ष के पर्यटन विकास की मुख्य धारा में लाने के बहुआयामी प्रयासों को गति दी जा रही है।
डॉ. दीपक आचार्य
उप निदेशक (सूचना एवं जनसम्पर्क),
उदयपुर