उदयपुर। आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि संतों के एक बार सान्निध्य और सत्संग से मनुष्य का जीवन सुधर सकता है तो चातुर्मास काल में निरंतर प्रवचन श्रवण से आशातीत लाभ हो सकता है।
चातुर्मास समाप्ति पर राजा प्रदेशी के आख्यान के आधार पर उन्होंने तेरापंथ भवन में खासी संख्या में मौजूद श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए चातुर्मास काल के बाद भी अध्यात्म पथ पर चलने की प्रेरणा दी।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में अनुशासित और मर्यादित रैली के साथ तेरापंथ भवन से विहार कर साध्वी श्रीजी हजारेश्वर कॉलोनी पहुंची जहां पोरवाल परिवार ने भव्य स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि साध्वी श्रीजी कुछ दिन उपनगरों में प्रवास कर आचार्य श्री महाश्रमण के निर्देशानुसार मालवा की ओर विहार करेंगी।