पहले चरण में बने डेढ़ लाख जैन तेरापंथ कार्ड का वितरण आरंभ
उदयपुर। अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा की ओर से सम्पूर्ण विश्व भर में फैले हुए समाजजनों के लिए बनाए जा रहे विशेष जैन तेरापंथ कार्ड का वितरण देश भर में विभिन्न सभाओं के माध्यम से रविवार से आरंभ किया गया। उदयपुर के महाप्रज्ञ विहार के महाश्रमण सभागार में साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 के सान्निध्य में कार्ड वितरित किए गए। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल की ओर से स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज विषयक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ।
जैन तेरापंथ कार्ड अभियान के उदयपुर के संयोजक दीपक सिंघवी ने बताया कि देश भर में करीब पांच लाख जैन तेरापंथ कार्ड बनाए जाएंगे। 30 सितम्बर तक ऑनलाइन भरे जाने वाले फॉर्मों में देश भर में करीब एक लाख 36 हजार और उदयपुर मंे करीब 1500 फॉर्म भरे गए। इनमें किसी के फोटो या कुछ और गलतियों के कारण कुछ कार्ड नहीं बन पाए। शेष 1327 कार्ड उदयपुर को प्राप्त हो चुके हैं। रविवार को साध्वी श्री के सान्निध्य में उदयपुर सभा के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने पहला कार्ड निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत को प्रदान किया। इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों को उनके कार्ड वितरित किए गए। शेष कार्ड जल्द ही परिवारों तक पहुंचाए जाएंगे।
सभा के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने कहा कि निश्चय ही कार्ड सभी के लिए उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने स्वस्थ परिवार-स्वस्थ समाज के लिए कहा कि नारी समर्पण का प्रतीक है। इस कार्यक्रम में सहभागिता करना ही अपने आप में गौरव का विषय है। उन्होंने साध्वी श्री के आगामी सप्ताह के कार्यक्रम भी बताए।
महासभा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि इस कार्ड का मुख्य उद्देश्य सकल तेरापंथ जैन समाज को एक करना था ताकि सभी को पता चले कि तेरापंथी कहां-कहां हैं, क्या-क्या करते हैं और विवाह योग्य बच्चों की जानकारी भी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके। इस कार्ड से यह सब संभव हो पाएगा। इसके अतिरिक्त देश भर में उपलब्ध प्रतिष्ठानों ने इस कार्ड के जरिये विशेष डिस्काउंट भी उपलब्ध कराया है।
साध्वी कीर्तिलता ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि महासभा के अध्यक्ष का स्वप्न था कि जैन समाज में भी तेरापंथ समाज को आगे लाना है। उन्होंने उदयपुर में उत्साही युवक दीपक सिंघवी को काम सौंपा जिसने बखूबी जिम्मेदारी निभाते हुए कार्ड बनाने से लेकर वितरण का काम सुचारू किया। कार्ड बनवाने में समाजजनों को सोचना क्यों पड़ रहा है। नोटबंदी के बाद बैंक की लाइन में तीन-तीन घंटे भी तो खड़े रहे फिर समाज का कार्ड बनवाने में आधा घंटा खड़ा रहना पड़ जाए तो कोई बुरी बात नहीं। जो आज प्रधानमंत्री ने घोषणा की है, वह हमारे आचार्यों ने बहुत पहले ही कह दिया था। विचारों को स्वस्थ रखें तो डॉक्टरों के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। संदेहरहित स्वस्थ विचारों से युक्त जीवन जीएं।
साध्वी शांतिलता ने कहा कि व्यक्ति स्वस्थ है तो परिवार, परिवार स्वस्थ है तो समाज और समाज स्वस्थ रहेगा तो राष्ट्र स्वस्थ रहेगा। छह सुख बताए गए हैं जिनमें निरोगी काया, घर में माया, पतिव्रता नारी, पुत्र आज्ञाकारी, पड़ोसी सुखकारी और नौकर-चाकर सुख। साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने अनुप्रेक्षा की उपयोगिता बताते हुए उसके प्रयोग करवाए। साध्वी पूनमप्रभा ने गीतिका प्रस्तुत की। आरंभ में मंगलाचरण सोनल सिंघवी एंड ग्रुप ने किया। आभार महिला मंडल मंत्री लक्ष्मी कोठारी ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन दीपक सिंघवी ने किया।