विश्व मृदा दिवस
उदयपुर। अनुसंधान निदेशालय व कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान विभाग राजस्थान कृषि महाविद्यालय के तत्वावधान में विश्व मृदा दिवस सोमवार को संगोष्ठी कक्ष अनुसंधान निदेशालय राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया।
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक ड़ॉं. एसएस बुरडक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिये नारे स्वस्थ धरा-खेत हरा से अपनी बात प्रारम्भ करते हुए कहा कि केंद्र सरकार मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक है तथा मृदा स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत 3 वर्षों में देश के किसान भाइयों को 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जाएंगे।
डॉं0 अनिला दोषी अधिष्ठाता राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर ने कहा कि पंचभूत-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश सृष्टि संरचना के मूल तत्व है। मानव तथा मानव सभ्यताओं का विकास इन पांच तत्वों की सामंजस्यता तथा गुणवत्ता के बिना संभव नहीं है। मृदा स्वास्थ्य, मानव स्वास्थ्य को अच्छा रखने तथा पर्यावरण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खेती मे रसायनों व उर्वरको के अत्यधिक व असंतुलित उपयोग से लागत बढ़ रही है और जल, भूमि, वायु और वातावरण प्रदूषित हो रहे हैं साथ ही खाद्य पदार्थ भी जहरीले हो रहे हैं। अधिक उपज प्राप्त करने के लिए मिट्टी से पोषक तत्वों का ज्यादा दोहन हो रहा है अतः हमे टिकाऊ व जैविक खेती की ओर ध्यान देना होगा।
डॉं0 शान्ति कुमार शर्मा क्षेत्रीय अनुसन्धान निदेशक ने कहा कि कृषकों द्वारा अपनी मृदा में कार्बन स्तर को बनाये रखना अति आवश्यजक है, जिससे मृदा की उर्वरता एवं उत्पादकता को बनाये रखा जा सके। मिट्टी के स्वास्थ्य के आधार पर ही पशु एवं मनुष्य जाति का स्वास्थ्य निर्भर करता है। कृषकों को मिट्टी की जाँच के अनुसार ही पोषक तत्वों का प्रयोग करना चाहिये। साथ ही उन्होनें बताया कि जलवायु परिवर्तन, मृदा का गिरता स्वास्थ्य एवं कार्बन प्रबन्धन को लेकर पूरे विश्व के वैज्ञानिक चिन्तित है। उन्होंने किसान भाईयों को कार्बन प्रबन्धन करने की सलाह दी जिससे मृदा का स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।
डॉ. एचएस पुरोहित विभागाध्यक्ष कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान विभाग ने विभाग में मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं इससे संबंधित चल रही परियोजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होनें बताया कि राज्य में 68.88 लाख जोतों के स्वास्थ्य कार्ड बनाये जायेंगे। अभी तक राज्य में 30.32 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवा दिये गये हैं। साथ ही उन्होनें बताया कि पूरे वर्षभर में हमारे विभाग द्वारा 3955 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उपलब्ध करवा दिये गये है। डॉं. एसके शर्मा दीर्घावधि उर्वरक प्रयोग परियोजना अधिकारी कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान विभाग ने मृदा स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखने के लिए संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी।