ऑल इंडिया वेस्ट जॉन पुरूष हेण्डबॉल पांच दिवसीय प्रतियोगिता का आगाज
उदयपुर। जीवन को जीने के लिए खेल से बड़ी सीख कही नहीं मिल सकती है, खेल को खिलाड़ियों को पूरे मन, समर्पित भाव से, मानसिक रूप से परिपक्व होकर ही एक अच्छा खेल प्रदर्शित कर सकते है। खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए। जीत व हार को अपने मन लिए बिना खेलना चाहिए।
खेल से शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है। उन्होने कहा कि कोई भी व्यक्ति खेल तब तक नहीं खेल सकता तब तक जीतने की चाहत नहीं हो जहां चाहत होती है, वही जीत होती है। ये विचार मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स बोर्ड की मेजबानी में आयोजित वेस्ट जॉन इंटर युनिवर्सिटी हेण्डबॉल प्रतियोगता के उद्घाटन पर अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कही।
सचिव भवानीपाल सिंह ने बताया कि उद्घाटन मुख्य अतिथि सांसद अर्जुन मीणा, कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत, अन्तर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाडी महेन्द्र सिंह शेखावत, प्रो. सीपी अग्रवाल ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य अतिथि सांसद अर्जुन मीणा ने विभिन्न राज्यों से खिलाड़ियों का आव्हान किया कि वे महाराणा प्रताप के जीवन को पढे़ तथा उनके आदर्शो को अपने जीवन में उतारे। प्रताप ने अपने मान सम्मान के लिए महलों तक को त्याग दिया था। उन्होने खिलाड़ियों से कहा कि वे उदयपुर भ्रमण के दौरान हाल ही में बने प्रताप गौरव केन्द्र को अवश्य ही देखे जहा प्रताप के जीवन का पूरा चित्रण किया गया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जो खाता है, वही बोलता है इसलिए खिलाड़ियों का फिट रहना बहुत जरूरी है। विशिष्टज अन्तर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाडी महेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि खेल से अनुशासन की भावना आती है।