विद्यापीठ का 30 वां स्थापना दिवस
उदयपुर। मनुष्य के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षा की महत्ती आवश्यकता है। आज भी देश के हिन्दी भाषी प्रदेशों में शिक्षा का अभाव है। शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य की आत्मा और उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को निखारना और अभिव्यक्ति के लिए समर्थ बनाना है।
साथ ही शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को साक्षर एवं प्रबुद्ध बनाते हुए जीविकोपार्जन के लिए तैयार करना है। उक्त विचार गुरूवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय का 30 वां स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन के अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण एवं पंचायत राज मंत्री रामकृपाल यादव ने कही।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि पं. नागर ने मेवाड़ के सुदूर आदिवासी अंचल में शिक्षा की ज्योत जलाने का कार्य किया। शिक्षण व्यवस्थाओं को लेकर जनुभाई ने 80 वर्ष पहले जो कल्पना की थी, उसे वर्तमान सरकार द्वारा अब मूर्त रूप दिया जा रहा है। साथ ही जनुभाई ने ऐसी संस्था बनाई जो भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के अनुरूप कार्य कर रही है। अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति एचसी पारख ने कहा कि विद्यापीठ के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित जनभारती केन्द्रों को उच्च शिक्षा से जोड़ दिया गया है, जिससे ग्रामीण छात्र छात्राए गांवों में स्थित इन केन्द्रों से सम्पर्क कर अपनी शिक्षा को ओर बढा सकेंगे। विशिष्टठ अतिथि सांसद अर्जुनलाल मीणा ने कहा कि मेवाड़ के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में जितने विषय है उतने ही अवसर भी है। कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर ने कहा अच्छा समाज एवं छात्र तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षक की है। समारोह में प्रो. जीएम मेहता, प्रो. सुमन पामेचा प्रो. मंजू मांडोत, सहायक कुलसचिव डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. मनीष श्रीमाली ने मंत्री का स्वागत किया। संचालन डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने किया।
विमोचन:- समारोह में उग्रसेन राव द्वारा सम्पादित राधे-आराधे पुस्तक का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।
व्याख्यानमाला आज : कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रातः 11 बजे लोकमान्य तिलक प्रशिक्षण केन्द्र डबोक के सभागार में स्वामी विवेकानन्द का जीवन दर्शन एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता विषयक पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया जायेगा। व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता सेन्ट्रल विश्वविद्यालय हरियाणा के पूर्व कुलपति प्रो. मूलचंद शर्मा होंगे।