उदयपुर। भूपाल नोबल्स पीजी कन्या महाविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम मयूरी के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि मुख्य वन संरक्षक शिखा मेहरा थी। विशिष्ट अतिथि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविचल चतुर्वेदी थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रविन्द्र श्रीमाली (यूआईटी चेयरमैन) ने की। कार्यक्रम में भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. निरंजन नारायण सिंह जी राठौड़ भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विद्या प्रचारिणी सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तेज सिंह बांसी, संयुक्त मंत्री पद्म सिंह पाखण्ड, वित्ता मंत्री कृष्ण सिंह कच्छेर उपस्थित थे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण फैशन शो एवं रीज़नल ईवेन्ट्स रहे। फैशन शो की थीम बार्बी डॉल था। वैश्वीकरण, औद्योगिकीकरण, नगरीकरण एवं भौतिकवादी संस्कृति ने मानव को मशीनीकृत बना दिया है। इस भागदौड़ के जीवन में अपना बचपन याद रखते हुए उसके अनुरूप जीवनयापन तथा मस्ती बनाये रखना इस फैशन शो की थीम का संदेश महिलाओं एवं आमजन को देना था। इस प्रतियोगिता में छात्राओं ने तीन प्रक्रियाओं से गुजर कर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसमें करीब 31 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसी प्रकार रीज़नल ईवेन्ट्स की प्रस्तुति दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रही। हिन्दू सम्प्रदाय में सम्पन्न होने वाले कई उत्सव एवं पर्व जिनमें करवा चौथ, मकर संक्रांति, गणगौर, रक्षा बन्धन, राजपूती शादी प्रमुख थे। धार्मिक संस्कार के रूप में सम्पन्न छात्राओं की इन प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा और एक परम्परागत सांस्कृतिक संदेश देकर भाव विभोर कर दिया।
इसके अतिरिक्त स्पोट एक्टिंग, सोलो साँग फिल्मी, ड्यूट सोंग फोक, ड्यूट डान्स वेस्टर्न, ड्यूट साँग फिल्मी एवं सोलो डान्स फॉक आदि की धूम रही। मैं तो नांचवाने आई सा बूम रो, पिया आयो तो, केसरिया बालम‘‘ ‘‘कालियो कूद पडयो मेला में पायल री झन्कार, मारे हिवडा रो हार, केसरिया हजारी, घूमर नखराली, भवाई जैसे राजस्थानी एवं क्षेत्रीय नृत्य एवं गीतों पर पाण्डाल में उपस्थित दर्शकगण झूम उठे। अप्सरा आली लावनी, गणेश वन्दना, जैसे स्पॉट एक्टिंग को भी दर्शकों ने सराहा।