यूसीसीआई का स्थापना दिवस समारोह
उदयपुर। बजाज ग्रुप के चेयरमेन शिशिर बजाज ने समग्र एवं संतुलित औद्योगिक विकास पर बल देते हुए उद्योगपतियों से औद्योगिक विकास के साथ-साथ अधिक से अधिक रोजगार सृजन, आमजन का जीवन स्तर उंचा उठाने, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण आदि सामाजिक उत्तरदायित्व से जुड़ी गतिविधियां संचालित करने का आव्हान किया।
वे रविवार को यूसीसीआई भवन के पीपी सिंघल ऑडिटोरियम में आयोजित उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री का 52 वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। स्थापना दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण यूसीसीआई एक्सीलेन्स अवार्ड रहे। निर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय औद्योगिक उपलब्धि के लिये लघु, मध्यम, मिड कॉरपोरेट एवं वृहद क्षेत्र के उद्योगों को तथा सामाजिक उत्तरदायित्व में उल्लेखनीय कार्य करने वाले उद्योगों को यूसीसीआई एक्सीलेन्स अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया।
यूसीसीआई की अवार्ड सब कमेटी के चेयरमेन दिलीप बागला ने अवार्ड प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण देते हुए बताया कि अवार्ड हेतु गठित की गई 5 सदस्यीय जूरी के सदस्य अनिल वैश्य, अखिलेश जोशी, सुनील गोयल, जनत शाह एवं जितेन्द्र बालकृष्णनन द्वारा उपरोक्त अवार्डो हेतु प्राप्त समस्त प्रविष्टियों में से शॉर्ट लिस्ट कर सूची तैयार की गई। मैट्रिक्स आधारित प्रणाली से आंकलन कर उनमें से श्रेष्ठ उपक्रम का विभिन्न श्रेणी के अवार्डों के विजेता चयनित किये गये।
जीवन पर्यन्त उद्योग एवं व्यवसाय के विकास हेतु उल्लेखनीय योगदान देने के लिये यूसीसीआई लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड श्री लक्ष्मी निवास झुनझुनवाला को प्रदान किया गया। श्री लक्ष्मी निवास झुनझुनवाला एल.एन.ले. भीलवाड़ा ग्रुप के प्रमुख हैं। इस अवसर पर श्री लक्ष्मी निवास झुनझुनवाला का परिचय देते हुए उद्योग जगत में उनके द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों का विवरण भी प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत यूसीसीआई की 52 वर्षों की यात्रा पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन से हुई। विशिष्ट अतिथि पीआई इण्डस्ट्रीज के चेयरमैन सलिल सिंघल ने प्रधानमंत्री मोदी की देश के औद्योगिक विकास हेतु विजन एवं योजना का जिक्र करते हुए प्रश्न किया कि क्या मेक इन इंडिया अभियान सफल होगा जबकि यूरोप के उद्योग बेहतर क्वालिटी का उत्पाद कम कीमत में तैयार कर लेते है।
वैश्वीकरण पर चर्चा करते हुए सिंघल ने कहा कि दुनिया के किसी भी एक देश की आर्थिक गतिविधि का प्रभाव अन्य देशों पर ग्लोबलाइजेशन के कारण पड़ता है। खाड़ी देशों द्वारा तेल की कीमतें बढ़ाने, अमेरिका के स्टॉक मार्केट में उतार चढ़ाव आदि कई ऐसी घटनाएं है जिनसे सारी दुनिया प्रभावित होती है। पूर्व में पश्चिमी देशों द्वारा अपने उत्पाद अन्य देशों में बेचने के लिये वैश्वीकरण को प्रोत्साहन दिया गया। आज इसके ठीक विपरित पश्चिमी देश राष्ट्र प्रथम के नारे के साथ इसका विरोध कर रहे है। अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां, ब्रिटेन द्वारा यूरोपीयन यूनियन से हटना, फ्रांस एवं जर्मनी में उग्र राष्ट्रवाद के समर्थक राजनीतिज्ञों को जनता का समर्थन आदि कुछ अर्न्तराष्ट्रीय घटनाएं है जिनका प्रभाव भारत के उद्योग और व्यवसाय पर निश्चित तौर पर पड़ेगा। इनके अलावा दुनिया में धार्मिक उग्रवाद का बढ़ना भी उद्योग और व्यवसाय के लिये नकारात्मक संकेत है। दुनिया के देशों में विकासवादी सोच वाले नेताओं की कमी भी नकारात्मक पहलुओं में से एक है। वहीं दूसरी ओर पड़ौसी मुल्क जानबूझ कर छल कपट द्वारा देश की आर्थिक एवं औद्योगिक प्रगति में रोड़े अटका रहे है।
सिंघल ने कहा कि 38 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ चीन दुनिया में आर्थिक प्रगति में प्रथम स्थान पर है। 22 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला अमरीका दूसरे स्थान पर आता है। 19 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है। श्री सिंघल ने देश में आर्थिक एवं औद्योगिक विकास की व्यापक संभावनाएं बताते हुए उद्यमियों से डिजिटल इकॉनोमी एवं इनोवेशन अपनाने पर विशेष बल दिया। जूरी के सदस्य जितेन्द्र बालाकृष्णन ने कहा कि उद्योग और व्यवसाय से जुड़े सभी उद्यमी इनोवेशन पर विशेष ध्यान दें। नये आइडिया और इनोवेशन के बिना कोई व्यवसाय सफल नहीं हो सकता। प्रश्नकाल के दौरान कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा सलिल सिंघल से आर्थिक एवं औद्योगिक विकास से सम्बन्धित कई प्रश्न पूछे गये। यूसीसीआई के संरक्षक अरविन्द सिंघल ने भी विचार व्यधक्त किए।