नागरिक सुरक्षा मंच के आह्वान पर लोकतंत्र रक्षार्थ जुटा शहर
उदयपुर। वामतंत्र की सोच जहां से शुरू हुई थी, वहीं वह स्थायी नहीं रह सकी। ऐसे में भारत जैसे सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों से समृद्ध देश में उसकी स्वीकार्यता नहीं हो सकती। जहां भी वाम विचार सत्ता में आया है, वहीं अत्याचारों का ग्राफ बढ़ा है। अपनी सोच को स्थापित करने के लिए रक्त बहाना वाम विचार का इतिहास रहा है। आज के समय में केरल इसका रक्तरंजित उदाहरण है।
यह बात नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक रमेश शुक्ल ने गुरुवार को यहां नगर निगम प्रांगण में हुई सभा में कही। केरल में मार्क्स वादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा वामविरोधी विचार रखने वाले संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्याओं के विरोध में नागरिक सुरक्षा मंच के आह्वान पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहरवासी जुटे।
सभा में संयोजक रमेश शुक्ल ने कहा कि मतभिन्नता हो सकती है, लेकिन अपने मत को स्थापित करने के लिए भिन्न मत रखने वालों की हत्या लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। केरल में उन लोगों की भी हत्या की जा रही है जो वाम विचार की हकीकत जानने के बाद उसे छोड़ अन्य विचारधारा से जुड़ रहे हैं। राज्यसत्ता के संरक्षण के बिना ऐसी अमानवीय घटनाएं नहीं हो सकती और पुलिस इन पर कार्रवाई न करे, यह भी सत्ता का इशारा ही होता है।
सभा में नागरिक सुरक्षा मंच के अध्यक्ष कर्नल गुमान सिंह राव ने कहा कि वाम विचारों को तोड़ने के लिए हमें स्वदेशी को अपनाना होगा। वाम विचारधारा का धुर समर्थक चीन भारत से ही कमाकर भारत में ही वामविचारों का पोषण कर रहा है। उन्होंने सभी से चीन निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया। सभा में नागरिक सुरक्षा मंच के उपाध्यक्ष विजयसिंह चैहान ने वामविचार वाली श्रमिक यूनियनों की नीतियों को उद्योगों के विकास के लिए घातक बताया। उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि जहां-जहां ये प्रभाव में रहे, वहां उद्योग ठप हो गए, बंद हो गए।
सभा में केरल से आए सुरेश रामचंद्रन ने वहां के हालातों की आपबीती सुनाई तो सभा में मौजूद लोगों ने उनके समर्थन में जमकर नारे लगाए। अस्थल आश्रम के महंत रासबिहारी शरण, बड़ा रामद्वारा के महंत चेतनराम, चांदपोल रामद्वारा के महंत संतराम, हरिहर आश्रम के महंत सुंदरदास, मेलड़ीमाता मंदिर के महंत विरमदेव का भी आशीर्वाद मिला। सभा में मंच के सहसंयोजक पुष्कर लौहार ने ज्ञापन का वाचन किया। सभा का समापन केरल के शहीदों को दो मिनट मौन श्रद्धांजलि के साथ हुआ। मंच के कोषाध्यक्ष वीरेन्द्र डांगी ने धन्यवाद की रस्म निभाई।
नागरिक सुरक्षा मंच के बैनर तले दिए गए इस ज्ञापन से पहले नगर निगम प्रांगण से आक्रोश रैली निकाली गई। रैली में शहर के कई सामाजिक, स्वयंसेवी, धार्मिक, राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। रैली नगर निगम से बापू बाजार, देहलीगेट होते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंची। रैली के दौरान केसरिया पताकाएं लहराते चल रहे युवाओं की नारेबाजी से माहौल देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया। राष्ट्रभक्ति के गीत गाते चल रहे युवाओं से रैली में चल रहे सभी युवाओं का उत्साह और बढ़ गया।
जिला कलक्ट्रेट पहुंचने पर वहां केरल में हो रहे अत्याचारों और केरल की माक्र्सवादी सरकार की चुप्पी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शन में भारतीय जनता पार्टी, आर्ट ऑफ लिविंग, हिन्दू जागरण मंच, योग वेदान्त सेवा समिति, गायत्री परिवार, आर्य समाज, पतंजलि योग पीठ, राष्ट्रीय सिक्ख संगत, सिंधु सभा, धर्मोत्सव समिति, जगन्नाथ रथयात्रा समिति, सकल राजपूत समाज, लघु उद्योग भारती, स्वदेशी जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, नेशनल मेडिको आॅर्गेनाइजेशन, शिक्षक संघ, रूक्टा (राष्ट्रीय), वनवासी कल्याण आश्रम, सेवा भारती, भारत विकास परिषद, इतिहास संकलन समिति, राष्ट्र सेविका समिति, राष्ट्र चेतना अभियान समिति, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, शिवदल, बजरंग सेना, गरबा और गणपति मण्डल सहित कई समाजों के पदाधिकारी शामिल थे।