भगवान श्री मुनिसुव्रत स्वामी का प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न
उदयपुर। श्री मुनिसुव्रतस्वामी जैन श्वे.संघ न्यू भुपालपुरा की ओर से न्यू भूपालपुरा में नवनिर्मित जिन शासन के 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत स्वामी भगवान के मन्दिर की भव्य अंजन शलाका एवं प्रतिष्ठा महोत्सव गुरूवार को पूर्ण भक्तिभाव, मंगलगीतों एवं हजारों धर्मप्रेमियों और गुरूभक्तों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
आचार्य हेमचन्द्र सुरीवर म़सा़, आचार्य कल्याण बोधि सूरिश्वर एवं निपुणरत्न सूरिश्वर मसा की निश्रा में सम्पन्न हुए इस प्रतिष्ठा महोत्सव में उदयपुर शहर के साथ ही राजस्थान के विभिन्न हिस्सों एवं गुजरात के विभिन्न शहरों से गुरूभक्तों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
संघ के उपाध्यक्ष गजेन्द्र नाहटा ने बताया कि प्रतिष्ठा स्थल पर अन्जनशलाका के पवित्र विधान की विभिन्न धार्मिक क्रियाएं हुई। इन्हीं धार्मिक क्रियाओं के बीच जब आचार्य कल्याणबोधि सूरी महाराज की सांसारिक माताश्री पदमा बहन एवं बहन दीपा के स्व द्रव्य से नव निर्मित इस मन्दिर को ज्योंही न्यू भूपालपुरा जैन संघ को अर्पित करने का उद्घोष हुआ तो सारा क्षेत्र भगवान के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने एक दूसरे को बधाईयां दी, महिलाओं ने मंगल गीत गाये और भक्तिभाव पूर्ण नृत्य कर मन्दिरजी की खुशियां बांटी।
संघ के अध्यक्ष बी.एल.चण्डालिया ने बताया कि इस अवसर पर संघ ने इस पुनीत एवं महान धार्मिक कार्य के लिए पदमावती बहन एवं दीपा बहन का खूब-खूब आभार माना एवं संघ की ओर से उनका बहुमान किया गया।
तत्पश्चात धर्मसभा में आचार्यश्री हेमचन्द्र सूरिश्वर एवं आचार्य कल्याणबोधि सूरिश्वर महाराज ने कहा कि आज का दिन बड़ा ही शुभ है। आज भगवान मुनि सुव्रतस्वमी का दीक्षा दिवस भी है और गुरूपुष्य नक्षत्र भी है। ऐसे में मन्दिर प्रतिष्ठा महोत्सव का महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि जहां मन्दिर है वहां का पूरा क्षेत्र ही पवित्र और पूजनीय है। संसार में मन्दिर बनाना सबसे पुनीत कार्य है। जहां पर मन्दिर होता है वहां पर साक्षात भगवान निवास करते हैं। उस क्षेत्र में बुराईयों का कोई स्थान नहीं होता है। वहां पर हमेशा अच्छे और धार्मिक कार्य ही सम्पन्न होते हैं।
उन्होंने कहा कि मन्दिर निर्माण से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक कई तरह की बाधाएं भी आती है लेकिन जब कार्य भगवान का हो, सच्चा और अच्छा हो और भाव शुद्ध हो तो कोई भी बाधा टिक नहीं सकती। मन्दिर निर्माण के बाद यहां पर धर्म की गंगा बहेगी। जो भी यहां पर आकर सच्चे मन से भक्ति भाव पूर्ण पूजन अभिषेक करेगा उसका तो भव सुधरेगा ही उसका लाभ उसके परिवारजनों को भी मिलेगा।
प्रतिष्ठा स्थल पर मन्दिर निर्माण एवं प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रहे पुण्यार्जकों का बहुमान किया गया।
शुक्रवार के कार्यक्रमः शुक्रवार को प्रातः द्वार उद्घाटन होगा। जिसकी बोलियंा बोली जाएगी। प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक म.सा. द्वारा आगन तेरस शत्रुन्जय तीर्थ की भाव यात्रा करवायी जाएगी।