भारत सरकार ने उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार से किया सम्मानित
उदयपुर। वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य प्रचालन अधिकारी लक्ष्मण सिंह शेखावत को खनन तकनोलॉजी क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों तथा राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए वर्ष 2016 का राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार दिया गया।
यह प्रतिष्ठत पुरस्कार माननीय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन, दिल्ली में भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा आयोजित भव्य समारोह में शेखावत को प्रदान किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खान मंत्री पियूष गोयल एवं खान मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं अतिथिगण उपस्थित थे। शेखावत ने आधुनिक तकनोलॉजी को अपनाते हुए एवं खनन प्रणाली के मानकों का प्रयोग करते हुए खनिज संसाधनों के संरक्षण, व्यवस्थित खदान योजना, खान सुरक्षा, खान अग्नि, खान हेजार्डस, खान पुनर्मूल्यांकन तथा पुनर्वास के क्षेत्र में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एक्सो के मार्गदर्शन में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय अवार्ड के लिए चुने गये हैं।
ज्ञातव्य रहे कि कंपनी की संपोषणीय प्रगति एवं विकास के लिये समन्वेषण के जरिये आरक्षित खनिज भण्डार एवं खनिज संसाधनों का विस्तार करना कंपनी की रणनीति है। कंपनी के लगातार चल रहे समन्वेषण कार्यकलापों के फलस्वरूप अयस्क भण्डारों एवं संसाधनों में वृद्धि हुई है। इस प्रकार 31 मार्च 2016 को इसमें और इजाफा करते हुए 389.9 मिलियन मी. टन आरक्षित एवं संसाधन भण्डार है जिनमें 36.1 मिलियन मी. टन जस्ता-सीसा धातु तथा 1007 मिलियन आउन्स चाँदी विद्यमान है। खान का समग्र जीवन 25 वर्ष है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक विश्व का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है और भारत में चांदी का सबसे बड़ा उत्पादक के साथ दुनिया में अलौह धातु क्षेत्र उत्पादन में भारत का नेतृत्व भी करता है।