भोलेनाथ के जयकारों से गुंजा पूरा शहर
शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई पहुंचेगी उबेष्वर धाम मंदिर
उदयपुर। शिव महोत्सव समिति की ओर से नाग पंचमी को निकलने वाली गंगु कुंड से प्रातः 9 बजे बारहवी कावड़ यात्रा को तांबे के कलष में भरे पांच नदियों के पवित्र जल की पूजा अर्चना कर कावड़ यात्रा को रवाना किया गया।
कावडिये रिमझिम वर्षा के बीच, वादियों के बीच करीब 22 किलोमीटर का सफर तय कर उबेश्व्र महादेव पहुंचे। पूरे रास्ते एवं पहाडो के बीच कावडिये महादेव के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। समिति अध्यक्ष यज्ञ नारायण शर्मा ने बताया कि कावड़ यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं शहर के महिला, पुरूष एवं बच्चों ने उत्साह के साथ पूरे रास्ते बाबा के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। उदयपुर शहर के पूरा गली, मोहल्ला एवं धार एवं मोरवानिया के पहाड़ महादेव के जयकारो से गुंज उठे।
प्रभारी रामकृपा शर्मा ने बताया कि प्रातः 6 बजे से झाडोल, फलासिया, उबेष्वर, धार, गोरिल्ला, मोरवानिया एवं शहर के कावडिये सफेद बनियान, कुर्ता एवं धोती पहन कर अपने अपने वाहनो से आने का क्रम जारी रहा जो यात्रा शुरू होने के बाद तक आते रहे। सबसे कम उम्र का 7 वर्ष का कावडिया था तो सबसे अधिक उम्र की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला थी जो धीरे धीरे उबेष्वर धाम पहुंच कर महादेव का अभिषेक किया। शहर से आने वाले कावडिये एवं भक्तों के लिए उबेष्वर वैष्णवदेवी विकास समिति की ओर से भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। शाम तक उदयपुर से भक्तों के आने का क्रम जारी रहा। करीब 11 हजार से अधिक भक्तों ने इसका लाभ उठाया। उबेष्वर महादेव पर 11 पंडितों द्वारा उपमहापौर लोकेष द्विवेदी के सानिध्य में रूद्राभिषेक कर 5 नदियों के जल गंगा, वर्षा जल, रामेष्वर, नर्मदा, क्षिप्रा का महादेव का अभिषेक किया गया गया।
पहला कावड़िया पहुचा 12.10 बजे : प्रथम कावड़ यात्री दोपहर 12 बज कर 10 मिनिट पर उबेष्वर महादेव पहुंचा जहॉ उसने महादेव का अभिषेक किया। दोपहर बाद कावड़ियों की एक किलोमीटर लम्बी लाईन लगी जिससे थके हुए कावड़ियों का काफी देर तक महादेव का इंतजार करना पडा।