उदयपुर। भारतीय लेखांकन अधिवेशन एवं लेखांकिन शिक्षा एवं शोध पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह की अध्यक्षता सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ जेपी शर्मा ने की।
एफएमएस के पूर्व निदेशक प्रो॰ करूणेश सक्सेना ने समापन समारोह में स्वागत भाषण दिया। इसके मुख्य अतिथि राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो॰ बीपी भट्नागर एवं मुख्य वक्ता कलकत्ता से आये हुए प्रो॰ बी बनर्जी, आईएए के पूर्व अध्यक्ष थे। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रो॰एस॰एस॰भाणावत ने अधिवेशन के सभी सत्रों की प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सुखाड़िया विश्वविद्यालय एवं उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉर्मस एवं इंस्टीनट्यूट के बीच एक एमओयू किया गया जिसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय जमीन उपलब्ध करायेगा जिस पर सीएसआर के तहत् चेम्बर भवन बनायेगा तथा शीघ्र हजारों विद्यार्थियों को फिनिशिंग स्कूल में पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें चेम्बर के सदस्यों संगठनों में रोजगार दिलाया जाएगा।
कुलपति प्रो॰ जेपी शर्मा ने आश्वस्त किया कि संगोष्ठी की सिफारिशों को संकलित करके विभिन्न शासकिय संस्थाओं को भेजा जायेगा ताकि उनका क्रियान्वयन हो सके। चैम्बर के द्वारा दो चरणों में नौ करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी। जिससे विश्वविद्यालय में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की जायेगी। उन्होंने सूचित किया कि रूसा कार्यक्रम के अन्तर्गत येल विश्वविद्यालय के प्रो॰श्याम सुन्दर के मार्गदर्शन में भारत केन्द्रित प्रबन्ध शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा। आईएए के निवर्तमान अध्यक्ष प्रो॰ अरविन्द कुमार ने बताया कि इस अधिवेशन में लेखांकन एवं अनुशासन के उद्गामी मुद्दों पर बहुत विचार विमर्श हुआ तथा यह अधिवेशन अत्यन्त सफल रहा।
पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो॰करम जीत सिंह ने आई॰ए॰ए॰ के नये अध्यक्ष एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रो॰ सोरल ने कनिष्ठ उपाध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया। आई॰ए॰ए॰ के पूर्व अध्यक्ष प्रो॰मुनिराजु, जयपुर के प्रो॰एस॰एस॰मोदी, आई॰ए॰ए॰ के कोषाध्यक्ष प्रो॰ संजय भाया एवं आई॰ए॰ए॰ के सह-सचिव डॉ॰ प्रकाश शर्मा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अन्त में आई॰ए॰ए॰ के सामान्य सचिव प्रो॰ साईमन थेटिल एवं वाणिज्य महाविद्यालय मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो॰ सोरल ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, आयोजकों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।