प्राकृतिक तत्वों में है जल समस्याओं का समाधान : मेहता
उदयपुर। एक पेड़ 5 एयर कंडीशनर के बराबर ठंडक पैदा करता है, वहीं पेड़, पौधे बिना बिना किसी बिजली, केमिकल के खर्च के पानी से गंदगी हटाते हैं। प्राकृतिक तरीकों के इस्तेमाल से जल की कमी, बाढ़, जल प्रदूषण इत्यादि सभी समस्याओं का समाधान निकलेगा।
ये विचार विद्या भवन पोलीटेक्निक के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने विश्व जल दिवस पर राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी तथा अरावली इंस्टिट्यूट के साझे में तकनीकी शिक्षकों व विधार्थियो के लिए आयोजित ऊर्जा व जल् संरक्षण विषयक सत्र में व्यक्त किये। मेहता ने कहा कि इस वर्ष जल दिवस का विषय “नेचर फ़ॉर वाटर” है अर्थात् प्राकृतिक तत्वों से जल समस्याओं का समाधान है। मेहता ने कहा कि पेड़-पौधे जमीन में पानी पंहुचाने में मदद करते हैं। वे मिट्टी का कटाव व बाढ़ को भी रोकते है। भूमिगत जलस्तर के संतुलन से अधिक गहराई से पानी खींचने में लगने वाली बिजली बचती है।
मेहता ने कहा कि सीवरेज के उपचार के लिए लगने वाले परिशोधन संयंत्र बहुत बिजली खपत करते हैं, वंही ग्रीन ब्रिज, फाइटो रेमेडिसन जैसी ईको तकनीकों से बिना बिजली खपत यह उपचार हो जाता है। मेहता ने कहा कि उदयपुर ने नौ वर्ष पूर्व यह प्रयोग कर के दिखाया और खुशी है कि विश्व समाज” नेचर फ़ॉर वाटर” थीम निश्चित कर जल् दिवस पर इस चर्चा को व्यापक कर रहा है। प्रारम्भ में निदेशक डॉ हेमंत धाभाई ने स्वागत किया , प्रकाश बहरानी ने धन्यवाद दिया।