दाउदी बोहरा यूथ के सुधारवादी आन्दोलन की स्वर्ण जयन्ती कार्यक्रम शुरू
देश में असमानता की जड़े मजबूतः सुभाषिनी अली
उदयपुर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कहा कि अन्याय का कोई धार्मिक रूप नहीं होता है। यदि उसका सामाजिक आॅपरेशन होता है तो मैं उसके खिलाफ हूं। हम विविधता को मानते है तो उसमें सभी एक है और उस विविधता में अन्याय नहीं होना चाहिये।
वे आज बोहरा यूथ एसोसिएशन द्वारा दाउदी बोहरा यूथ के सुधारवादी आन्दोलन की स्वर्णजयन्ती के अवसर पर आरएनटी मेडिकल काॅलेज में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत और अन्य देशों में बहुत अन्तर है। भारत अनेकता मंे एकता है जबकि बाह्य देशों में ऐसा देखने को नहीं मिलता है। हमें मुस्लिमों को भी यह आश्वस्त करना होगा कि यह देश भी आपका ही है। दाउदी बोहरा यूथ समाजजन गत 50 वर्षो से अपनी पहिचान बनाये रखकर चल रहा है जो बहुत बड़ी बात है। आपके अन्दरूनी मामलों में दखल नहीं करना चाहता। यदि सामाजिक सुधार होना है तो उसकी शुरूआत कौम के भीतर से ही होनी चाहिये।
अय्यर ने कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर महिलाओं को हर जगह 50 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में है। उन्होेंने केन्द्र सरकार द्वारा तीन तलाक मुद्दों पर बनाये जा रहे कानून के सन्दर्भ में कहा कि कौमी मामलें यदि 96 प्रतिशत गैर मुस्लिम लोग तय करने लगे तो उस सुधार का क्या होगा, खुदा ही जानें। उन्होेंने इस अवसर पर सरकार द्वारा पर्सनल लाॅ पर उठाये जा रहे कदमों की निन्दा की।
पूर्व संासद एवं विचारक सुभाषिनी अली ने कहा कि समाज सुधार की बात करना सबसे मुश्किल काम है। सरकार एक बार बदला लेती है लेकिन समाज बार-बार और हर स्तर पर बदला लेता है। समाज के खिलाफ लड़ने वालों को जिन्दगी भर सजा भुगतनी पड़ती है। हमारंे समाज में कभी समानता रही ही नहीं। यदि हमें पवित्र ओर पाक रहना है तो असमानता को भी अपनाना पड़ेगा।
श्रीमती सुभाषिनी ने कहा कि देश में असमानता की जड़े काफी मजबूत है। देश में सबसे पहले भगवान गौतम बुद्ध ने असमानता को मिटाने का कार्य किया था। समानता की लड़ाई देश में चली और चल रही है। देश में जाति की समस्या विकराल रूप लिये हुए है। धर्म व परम्परा के नाम पर हमारा हक क्यों छिना जाता है। उन्होंने कहा कि वे भी तीन तलाक पर सरकार द्वारा बनाये जा रहे कानून के खिलाफ है। इस्लाम में जेनेटिक रिलेशन केा बंद किया जाना चाहिये, यह कुरान के खिलाफ है।
ख्यातनाम गीतकार एवं पत्रकार हसन कमाल ने कहा कि समाज सुधार की ताक यदि समुदाय के अन्दर से मजबूती से न थामी जाय तो वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का शिकार हो जामी है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को सबसे अधिक मदद एक धर्मगुरू के यहंा से मिलती है। इस अवसर पर वे लडकियों की जायदाद में हिस्सेदारी,तीन तलाक एवं उदयपुर दाउदी बोहरा समाज द्वारा अपने हक के लिये उठायी आवाज को लेकर बोले।
इस अवसर पर विचारक एवं पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी रह चुके विभूति नाराण राय ने कहा कि पर्सनल लाॅ में हो रहे बदलाव कम्युनिटी में निकल कर आने चाहिये, न कि उनका निर्णय संसद को करना चाहिये। समानता के अधिकार को हम कैसे समाप्त कर सकते है। दुनिया की कोई भी कोर्ट हलाला के पक्ष में फैसला नहीे दे सकती है क्योंकि यह सबसे खराब व्यवस्था है।
संगोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए आबिद अदीब ने कहा कि शहर की दाउदी बाहरा जमता की मजबूती का ही परिणाम है कि यह आन्दोलन अनवरत रूप से 50 वर्षो तक चल पाया है और आगे भी इसी प्रकार चलता रहेगा। समारोह में आन्दोलन के प्रणेता रहे स्व. असगर अली इंजीनियर को याद कर उन्हें श्रद्धंाजली दी। गजनफर अली ने बोहरा सुधार आन्दोलन और उसकी उपलब्धियों के बारें में विस्तार से जानकारी दी। सभी अतिथियों का परिचय इरफान इंजीनियर ने दिया। प्रारम्भ में हातिम चाचुलिया ने तिलावत ए कुरान पढ़ी। आरिफ अमीन एण्ड पार्टी ने काॅमी तराना प्रस्तुत किया। अंत में कमाण्डर मंसूर अली ने आभार ज्ञापित किया। अंत में न्यायाधीश सच्चर के निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजली दी गई।
प्रवक्ता अख्तर हुसैन बोहरा ने बताया कि इससे पूर्व प्रातःबेहारवाड़ी सिथत जमात कार्यायल से समाज के युवाओं, युवतियों ,पुरूष एवं महिलाओं की एक वाहन रैली निकाली गयी जो शहर के विभिन्न मार्गो से होती साढ़े नौ बजे आरएनटी मेडिकल काॅलेज पंहुची। संचालन नासिर जावेद ने किया।