हिन्द जिंक के चौथी तिमाही एवं वार्षिक वित्तीय परिणामों की घोषणा
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष तथा इसी वर्ष की चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा की।
वित्तीय वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही की प्रमुख उपलब्धियां में वित्तीय वर्ष की चैथी तिमाही में 3660 करोड़ रु. का ईबीआईटीडीए जो गतवर्ष की समान तिमाही की तुलना में 12 अधिक है।
वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 170 एमटी रिकार्ड रिफाइन्ड चांदी का उत्पादन जो गत वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष की चैथी तिमाही में 50 हजार टन रिकार्ड रिफाइन्ड सीसा धातु का उत्पादन जो गतवर्ष की समान तिमाही की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है।
हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन अग्निवेश अग्रवाल ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक ने वर्ष 2018 में भूमिगत खदानों का शानदार प्रदर्शन रहा है जो कई बैंचमार्क स्थापित किये है। इस वर्ष कंपनी का भूमिगत खदान में परिवर्तन होना एक मील का पत्थर साबित हुआ है तथा 2020 तक कंपनी की खनन उत्पादन वार्षिक क्षमता 1.2 एमटीपीए के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य प्रगति पर है। कंपनी का स्टेªटीजिक विज़न 1.5 एमटीपीए तक बढ़ाना है और मुझे बेहद खुशी है कि कंपनी के निदेशक मण्डल बोर्ड ने इसे प्राप्त करने की दिशा में विस्तार की पहले चरण की योजना को मंजूरी दे दी है।’’
कंपनी का वित्तीय वर्ष की चैथी तिमाही में भूमिगत खदानों से सर्वाधिक उत्पादन रहा है। चैथी तिमाही में 255,000 टन खनित धातु का उत्पादन हुआ है जो गतवर्ष की समान अवधि की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक दर्शाता है।
इसी प्रकार कंपनी का वित्तीय वर्ष की चैथी तिमाही में सीसा एवं चांदी धातु का सर्वाधिक उत्पादन हुआ है। चैथी तिमाही में 50,000 टन एकीकृत सीसा धातु का उत्पादन हुआ जो समान तिमाही की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक तथा गतवर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है जो सर्वाधिक खनन एवं प्रचालन दक्षता के परिणास्वरूप हुआ है। चैथी तिमाही में 170 एमटी एकीकृत चांदी का उत्पादन हुआ जो समान अवधि की तुलना में 28 प्रतिशत तथा गतवर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। चैथी तिमाही में 206,000 टन एकीकृत जस्ता धातु का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की समान अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक है।
वित्तीय वर्ष की शुरूआत में ही में रिकाॅर्ड खनित धातु एवं चांदी धातु का सर्वाधिक उत्पादन हुआ है। कंपनी का वित्तीय वर्ष 2018 में 947,000 टन खनित धातु का उत्पादन हुआ है जो गतवर्ष की तुलना में 4 प्रतिषत अधिक है। कंपनी की योजना अनुसार भूमिगत खदानों में सर्वाधिक अयस्क के फलस्वरूप संभव हुआ है।
एकीकृत जस्ता, सीसा एवं चांदी का सर्वाधिक उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में क्रमशः 18 प्रतिशत, 21 प्रतिशत तथा 23 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2018 की चैथी तिमाही के दौरान जस्ता-सीसा एवं चांदी की सुद्ढ़ कीमतों एवं खनित धातु की बिक्री के परिणामस्वरूप 6,277 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो गतवर्ष की तुलना में 6 प्रतिषत अधिक है।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष की चैथी तिमाही के दौरान 3,660 करोड़ रुपये का ईबीआईटीडीए अर्जित किया जो गत तिमाही की समान अवधि की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक तथा गतवर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है तथा वर्ष के दौरान 12,376 करोड़ रुपये का ईबीआईटीडीए अर्जित किया है जो गतवर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2018 की चैथी तिमाही के दौरान 2,505 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो गतवर्ष की समान अवधि की तुलना में 9 प्रतिषत अधिक है तथा वर्ष के दौरान 9,276 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो गतवर्ष की तुलना में 12 प्रतिषत की वृद्धि दर्षाता है।
16 मार्च, 2018 को हिन्दुस्तान ज़िंक के निदेशक मण्डल ने कंपनी के शेयरधारकों को 300 प्रतिशत द्वितीय विषेष अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की थी जो 2 रूपये के प्रति इक्विटी शेयर पर 6 रुपये है जिसका अक्टूबर, 2017 में भुगतान भी कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2018 में कंपनी के शेयरधारियों को 4,068 करोड़ रुपये (लाभांश वितरण कर सहित) अंतरिम लाभांश देन की घोषणा की है जो 400 प्रतिशत – 2 रुपये के प्रति इक्विटी शेयर पर 8 रुपये है।
कंपनी के लगातार चल रहे समन्वेषण कार्यकलापों के फलस्वरूप अयस्क भण्डारों एवं संसाधनों में वृद्धि हुई है। 31 मार्च, 2018 को कुल संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार 411.3 मिलियन टन रहा, जिसमें 35.7 मिलियन टन जस्ता-सीसा धातु एवं 1,000 मिलियन ओन्ज चाँदी विद्यमान है। खदानों की आयु 25़ वर्ष है तथा खदानों में लगातार उत्पादन जारी है।