उदयपुर। गणिनी आर्यिका सौभाग्यमति माताजी के सानिध्य में 8 मई से हिरणमगरी से. 5 स्थित चन्द्रप्रभु मन्दिर में 6 दिवसीय ग्रीष्मकालीन संस्कार शिक्षण शिविर प्रारम्भ हुआ। प्रातः सवा सात बजे समाजसेवी ओमप्रकाश गोदावत द्वारा ध्जारोहण,दिनेश पचोरी द्वारा कलश स्थापना,दिनेश वक्तावत द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया। शिविर में 98 पुरूष, 90 महिलायें एवं 55 बच्चें भाग ले रहे है।
गुरू मां सौभाग्यमति माताजी ने कहा कि यह शिविर आपकी जीवनचर्या बदलने के लिये आयोजित किया जा रहा है। तन सुन्दर, स्वस्थ मन सुनदर तो कार्य भी सुन्दर होगा। जीवन मंष स्वस्थ रहना है तो ध्यान योग अति आवश्यक है। मन को स्वस्थ एवं प्रसन्न रखना है जिनेन्द्र भगवान की भक्ति, पूजा और स्वाध्याय आवश्यक है। जिस प्रकार वायु पास होने पर आगग अधिक जलेगी। उसी प्रकार भावनाओं पर सोचने से समता रूपी सुख प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि वीतराग भावना से किया गया चित्तवत एक दिन सारे दुखों का नाश करता है। मनोज चम्पावत ने बताया कि शिविर में प्रतिदिन प्रातः साढ़े 5 बजे ध्यान होगा,साढ़े सात बजे जिनाभिषेक,सवा आठ बजे जैन महाकाव्य छह ढाला स्वाध्याय,सवा तीन बजे महिला संस्कार, बाल संस्कार, सवा सात बजे महाआरती एवं काव्यवर्षा होगी।