उदयपुर। इस वैज्ञानिक एवं आधुनिक विकास के दौर में हम अपनी अनेक पुरातन परम्पराओं को भूलते या समाप्त करते जा रहे है,जिसका असर हमारे निजी जीवन पर काफी पड़ रहा है। आसप एकेडमिक फाउण्डेशन ने 100 डे़ फिनिश्ंिाग स्कूल कार्यक्रम के तहत उसी पुरातन परम्पराओं में से मिट्टी से मकान निर्माण की कला को पुनर्जीवित करने हेतु 7 जून से बड़ी स्थित साईलेन्स रिसोर्ट में दो दिवसीय कार्यशला का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
आसप के आर्किटंक्ट सुनील लढ़ा ने आज यहंा आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि मकान निर्माण में बतौर आर्किटेक्ट हमारी जिम्मेदारी भवन निर्माण हीं नही, बल्कि उससे कहीं अधिक है। 7 जून से प्रारम्भ होने वाली इस कार्यशाला में शहर के अनेक आर्किटक्ट, इस क्षेत्र के विद्यार्थी, जुओलोजिस्ट,इंजीनियर आदि भाग लेंगे। कार्यशाला मंे भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पूणे के अनुभवी आर्किटेक्ट योगेश कूरहाडे मिट्टी से बनने वालें मकानों के गुर सिखायेंगे। आर्किटेक्ट अमित गौरव ने बताया कि मिट्टी से बने मकान अन्य संसाधनों से मकानों की तुलना में न केवल काफी मजबूत होते है वरन् उन मकानों की तुंलना में इनमें गर्मी में इन मकानों का तामपन 5 से 7 डिग्री कम रहता है। इस कार्यशला में यह भी बताया जायेगा कि किस प्रकार मिटट्ी के मकानों को आधुनिक डिजाईन दे कर उसे शानदार बाह्य एव आन्तरिक आवरण दिया जा सकता है।
आर्किटेक्ट प्रियंका अर्जुन ने बताया कि विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से आसप एकेडमिक फाउण्डेशन 2012 से जनहित में विभिन्न प्रकार के नव रचनात्मक कार्य करता आ रहा है। इस कार्यक्रम के जरिये यह संस्था अपने विशेषज्ञों के अपने अनुभवों से छात्रों एवं प्रोफेशनल्स को एक नयी एवं अलग सोच की ओर मार्गदर्शन करेंगी। फिनिशिंग स्कूल वह संस्थान है जहाँ स्नातक एवं प्राफेशनल्स को किताबी ज्ञान से आगे तराश कर अपने जीवन में सफल होने के गुर सिखायें जाऐंगे, चाहें वह नौकरी में हो या स्वयं के व्यवसाय में।
100 डेज़ फिनिश्ंिाग स्कूल बदलेगा विद्यार्थियों की जिदंगी-राजीव सेठी ने बताया कि यह अपनी तरह की प्रथम वर्कशाॅप है जिसमें सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास,डिजाईन,व्यक्तित्व विकास, रचनात्मक कला, विज्ञान का रूपण, हाउस किपिंग, कुकिंग, नैतिक ज्ञान आदि माध्यम से ज्ञान दिया जायेगा। 100 डेज़ फिनिश्ंिाग स्कूल विद्यार्थियों की जिदंगी बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
उन्होेंने बताया कि कार्यशाला में मिट्टी की दीवार बनते हुए मिट्टी की गुणवत्ता नापना, ढांचे की मजबूती परखना और पानी व सीलन से बचाव के तरीके आदि बतायें जाऐंगे। यह कार्यशाला सिर्फ आर्किटेक्ट व डिजाईनर्स के लिए ही नहीं वरन हर उस व्यक्ति के लिए है जो स्थायी आर्किटेक्ट में रुचि रखते हों। इसके अलावा आसप एकेडमिक फाउण्डेशन जून के मध्य में सात दिवसीय नाट्य कला एवं अगस्त में तीन दिवसीय बैम्बू निर्माण की कार्यशाला आयोजित करेगा।100 डेज फिनिशिंग स्कूल का सत्र अक्टूबर मे बड़ी स्थित नवनिर्मित आवासीय कैंपस मे होगा। सीएसआर पाॅलिसी के अंतर्गत इस स्कूल मे, 2 सीट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और एक सीट दिव्यांग के लिए होगी। इस प्रयास में हमारे साथ सेरा, प्लेनेट डोर्स, हिटाची, स्टोन आइडियाज जैसी कई कम्पनियां सहयोग कर रही हैं।