उदयपुर। साध्वी श्री गुणमाला ने कहा कि मंत्र कोई जादू या चमत्कार नही बल्कि आस्था का प्रतीक है। मंत्र बोलते हैं तो अपना विश्वास व्यक्त करते हैं।
वे तेरापंथी सभा और तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में आयोजित मंत्र दीक्षा समारोह को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि जो संस्कार मिलते हैं वे अंतिम समय तक चलते हैं। नमस्कार महामंत्र अपने आप में बहुत प्रभावशाली है। उन्होंने बच्चों को नमस्कार महामंत्र का जप करवाते हुए संकल्प दिलाये कि नशे की किसी वस्तु, मांस, अंडे का सेवन नहीं करेंगे। माता पिता, गुरुजनों के प्रति विनम्र रहूंगा। गाली या अपशब्द का प्रयोग नहीं करूंगा। प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। संत दर्शन करने चाहिए। नियमित आसन, प्राणायाम करना चाहिए।
तेयुप अध्यक्ष विनोद चंडालिया ने स्वागत उदबोधन में कहा कि बच्चों को संस्कार सिखाये जा सकते हैं और वो काम ज्ञानशालाओं के माध्यम से सफलतापूर्वक हो रहा है। विनम्रता, सहिष्णुता और संघनिष्ठा का कार्य बच्चों में अच्छे से हो रहा है।
अभिषेक पोखरना ने कहा कि अभातेयुप निर्देशित मंत्र दीक्षा का यह कार्य प्रतिवर्ष होता है। बच्चों को देखकर लगता है कि धर्मसंघ धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत है।अगर बच्चों को ट्यूशन, क्लास के लिए दूर दूर तक छोड़ने जा सकते हैं तो ज्ञानशाला के लिए भी छोड़ना चाहिए। संचालन पीयूष जारोली ने किया।