उदयपुर। चूंकि बुधवार को किसी को विदाई नहीं दी जाती इसलिए गणगौर माता का विसर्जन भी मध्य रात्रि 12.15 बजे किया जाएगा। बुधवार को पीली गणगौर की सवारी निकाली गई। धुलंडी के दिन होलिका की राख से बनाई गई सोलह पिंडियों सहित चार दिन के पुजापे को भी गणगौर माता के साथ गणगौर घाट पर जल में विसर्जित किया जाएगा।
छोटी गणगौर के प्रतीक के रूप में बुधवार शाम गणगौर घाट पर विसर्जित किया गया। वहां महिलाओं ने गणगौर माता के 11 गीत भी गाए। साथ ही उनके मनोरंजन के लिए वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए।