उदयपुर। अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच द्वारा बलीचा स्थित ध्यानोदय क्षेत्र श्री सुप्रकाशमती ध्यान केंद्र पर पर्युषण पर्व के तीसरे दिन आर्जव धर्म के उपलक्ष में आज विश्व शांति हेतु सोलहकरण पंच मेरु और दस लक्षण व शांतिनाथ भगवान की विशेष पूजा इन्द्र-इन्द्रिणियों द्वारा की गई।
ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि प्रातः 8 बजे पंचामृत से भगवान शंातिनाथ का अभिषेक किया गया। पंचामृत के इंद्र श्रीमति मैना,राजेंद्र वेडा, विश्व शांति की मंगल कामना केे लिये हुए दूध की महा शांतिधारा के सौधर्म इन्द्र श्रीमति अनीता लक्ष्मीलाल मालवी थे। सभी ने बड़े भक्तिभाव से पूजा अर्चना की।
उन्होंने बताया कि ध्यानोदय क्षेत्र में 51000 हजार फीट पर सप्तशिखर से युक्त भव्य जिनालय पूर्णता की और है जिसमे 24 चक्रेश्वरी, 24 यक्ष का मंदिर बहुत प्रभावशाली तरीके से निर्मित हो रहा है। यह राजस्थान का पहला यक्ष और यक्षी का मंदिर होगा। इसके द्वितीय तल पर 1008 कामधेनु शांतिनाथ भगवान सप्त धातु की प्रतिमा और 1008 श्री चन्द्रप्रभु भगवान और 1008 श्री पाश्र्व नाथ भगवान की प्रतिमा की स्थापना होगी। जहाँ यह मंदिर 51 फीट ऊँचा व 51 प्रतिमाओंयुक्त होगा।
गोदावत ने बताया कि ध्यानोदय क्षेत्र की सम्पूर्ण लागत करीब 11 करोड़ 51 लाख रूपयें है। जिसका पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 10 से 15फरवरी 2019 में राष्ट्र संत गुरु मंा गणिनी आर्यिका 105 सुप्रकाशमति माताजी ससंघ और आचार्य 108 अनुभव सागरजी के सानिध्य मे आयोजित होंगी। अशोक भदावत ने बताया कि ध्यानोदय क्षेत्र में प्रतिदिन प्रातः पौने आठ बजे जिनाभिषेक हो रहा है।