उदयपुर। उदयपुर टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ सीए निर्मल सिंघवी ने कहा कि वर्तमान में व्यवसाय जगत को भारत सरकार द्वारा लागू बढ़ते कानून, अध्यादेश एवं विभिन्न अधिनियमों की वजह से अनुपालना एवं व्यवसाय में कठिनाइयों एवं अनिश्चितता का दौर जारी हो गया है।
वे उदयपुर टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित सेमिनार में बोल हे थे। उन्होंने कहा कि व्यवसाय जगत एवं पेशेवरों को अब तैयार रहना होगा। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य वक्ता सीए राकेश लोढा ने बताया कि लघु एवं सूक्ष्म कंपनी सम्बंधित आर्डर 2019 के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु श्रेणी के विनिर्माता एवं सेवाप्रदाता व्यवसायियों को अब कंपनियों को 45 दिनों में भुगतान करना होगा, अन्यथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित ब्याज का 3 गुना ब्याज देना होगा, इस कानून से व्यवसाय में भुगतान में बहुत तेजी की उम्मीद की जा रही है।
लोढ़ा ने बताया की अनियमित जमा योजनाओं के प्रतिबन्ध अध्यादेश 2019 के अंतर्गत व्यक्ति, फर्म, कंपनी आदि संस्थाओं को अब 21-02-2019 के बाद व्यवसाय के अलावा किसी भी प्रकार के लोन, एडवांस, डिपोजिट लेने पर भारत सरकार ने अध्यादेश के जरिये लगाई पाबन्दी की गयी है, इस तरह बेनिंग ऑफ रेगुलेटेड डिपाजिट स्कीम अध्यादेश 2019 के जरिये सरकार ने लोक लुभावन डिपोजिट स्कीम चलाकर जमाकर्ताओं के पैसे वापस नहीं लौटने या भाग जाने पर कड़ा प्रहार करते हुए 10 वर्ष तक की सजा एवं 25 करोड़ रुपये तक की शास्ति का प्रावधान किया है।
इसी तरह अनियंत्रित जमाओं के संग्रह में शामिल एजेंट, कर्मचारी हेतु भी कारावास एवं आर्थिक दंड के कठोर प्रावधान होने से इस प्रकार की जमाओं पर तुरंत लगाम लगेगी। किसी भी व्यक्ति, फर्म ,कंपनी इत्यादि संस्थाए बिना कानूनी सलाह के किसी भी प्रकार अग्रिम, लोन या डिपाजिट लेने से बचेंगे, नतीजन किसी भी सामान्य व्यक्ति द्वारा मित्रो इत्यादि से बीमारी, शादी एवं गैर व्यवसायिक जमा लेने पर भी पाबन्दी लागू की गयी है एवं सजा व् भारी आर्थिक दंड लगाया है ।
द्रितीय वक्ता जीएसटी विशेषज्ञ रोहित मंगल ने बताया कि जीएसटी कानून में 01.02.2019 से प्रभावी प्रमुख संशोधनों के अनुसार रजिस्टर्ड व्यवसाइयों द्वारा कर भुगतान हेतु निर्धारण प्रक्रिया में बदलाव से कार्यशील पूंजी की आवश्यकता बढ़ी है, मुख्यतः 01.02.2019 से आगमकर की राशि की छूट लेने में सरकार ने क्रम बदल दिया है जिससे अब पहले आई जी सटी की छूट आउटपुट टैक्स में लेना अनिवार्य कर दिया है एवं कई सेवाओं पर रिवर्स टैक्स का दायित्व लागु कर दिया है, इससे व्यवसाय को अधिक कार्यशील पूंजी लगानी होगी ।
आरम्भ में टैक्स बार सदस्य देवेन्द्र सोमानी के सीकासा चेयरमैन बनने पर एवं मनीष नलवाया के उदयपुर ब्रांच चेयरमैन बनने पर आर. एल. कुणावत एवं अध्यक्ष सिंघवी द्वारा सम्मान किया गया। सेमिनार मंे सो से अधिक सीए एवं टैक्स अधिवक्ताओं ने भाग लिया एवं इन विषयों पर चर्चा की !
सचिव किशोर पाहूजा ने धन्यवाद देते हुए जितेन्द्र चित्तौड़ा के भारत विकास परिषद के अध्यक्ष बनने पर स्वागत किया एवं प्रकाश जावरिया, सतीश जैन, शैलेश माहेश्वरी ने वक्ताओं का स्वागत किया।