उदयपुर। श्री जैन दिवाकर परिषद उदयपुर के तत्वावधान में मुखर्जी चैक स्थित पंचायती नोहरे में जैन दीवाकर चैथमल महाराज की 125 वीं दीक्षा जयंति महोत्सव का आयोजन किया गया।
महाराज जिनेन्द्र मुनि, रविन्द्र मुनि, साध्वी डाॅ. राजश्री एवं नमिताश्री के सानिध्य में हुए इस आयोजन में सैंकड़ों समाजजनों ने भाग लिया। आयोजन के तहत गुणानुवाद सभा हुई जिसमें सभी मुनिवृन्द सहित अन्य वक्ताओं ने जैन दिवाकर चैथमलजी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
स्थानकवासी जैन श्रावकसंघ के अध्यक्ष व अखिल भारतीय जैन कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष औंकार सिरोया, संरक्षक कन्हैयालाल मेहता, गुरूभक्त षंकरलाल डांगी, हिम्मत बडाला, चन्दन बडाला, पुश्करगुरू परम्परा के प्रवीण पोरवाल, महिला संघ अध्यक्ष भूरीबाई सिंघवी, ज्योति सिंघवी के साथ ही अन्य वक्ताओं में प्रवीण दक, रोशनलाल बोकड़िया, नाकोड़ा ज्योतिष कार्यालय के कान्तिलाल जैन मौजूद थे।
वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि चैथमलजी महाराज ने अपने दीक्षा काल के 55 वर्षों में 81 हजार किलोमीटर से भी अधिक की पद यात्रा की। पदयात्रा उन्होंने खासकर राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली,मुम्बई के लिए की और यहां पर उन्होंने कई बार वर्षावास भी किये। महाराज ने समाज के गरीब पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए जीवनपर्यन्त कार्य किये। गुरूदेव ने हमेशा समाज के युवाओं को व्यसनों से दूर रहने की प्रेरणा दी।
जैन दिवाकर परिषद के अध्यक्ष धर्मेन्द्र जैन ने प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन देते हुए समाजजनों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि गुरूदेव ने जैन धर्म को जन- जन तक पहुंचा कर इसे जन धर्म बनानंे का सफल प्रयास किया।
सचिव राकेश तातेड़ ने कहा कि यह परिषद का दूसरा सफल आयोजन है। इस आयोजन में गुरू स्मरण के साथ- साथ कई जन हितार्थ योजनाओं को भी हाथ में लिया गया है।
स्मारोह का संचालन रमेश बोहरा ने किया। कार्यकम के अन्त में धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन अनिल जारोली ने किया। परिषद के नितिन नागोरी, कमलेश दानी, विकास तलेसरा, लोकेश बाफना, लोकेश मेहता, अनुराग कंठालिया, प्रकाश मेहता आदि ने कार्यक्रम में अपनी सेवाएं दी।