0.5 मिलीमीटर से भी छोटे एन्यूरिज्म (मस्तिष्क की धमनी में गुब्बारा) का किया सफल उपचार
उदयपुर। उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल काँलेज एंड हास्पिटल के न्यूरोलोजी विभाग के चिकित्सकों ने मेडिकल क्षैत्र मे बडी उपलब्धि हासिल करते हुए एक मरीज के मस्तिष्क में बने 0.5 मिलीमीटर से भी छोटे एन्यूरिज्म यानि मस्तिष्क की धमनी के गुब्बारे का अत्याधुनिक तकनीक से सफल उपचार किया है।
हास्पिटल के इन्टरवेंशनल न्यूरोलोजिस्ट और ख्यातनाम चिकित्सक डाॅ. अतुलाभ वाजपेयी नें फ्लो डाइवर्टर तकनीक के इस्तेमाल से मस्तिष्क की धमनी में बने इस गुब्बारे को बंद किया और मरीज में संभावित लकवे के खतरे को समाप्त करने में सफलता हासिल की हैं।
दरअसल बूंदी निवासी 43 बर्शीय रष्मि गुप्ता को 26 जून को मस्तिष्क की धमनी में बने छोटे गुब्बारे में हुए रक्तस्राव के कारण ब्रेन हेमरेज हुआ जिसके कारण रोगी को लकवे का अटैक हुआ मरीज के परिजन उसे कोटा ले गए जहाॅ से उसे एस.एम.एस.हॉस्पिटल, जयपुर रेफर कर दिया। जहाँ पर चिकित्सकों ने इतने छोटे गुब्बारे का उपचार कर पाने में असमर्थता बताई। उपचार संभव नहीं हो पाने पर रोगी को चिकित्सक ने एम्स् नई दिल्ली ले जाने को कहा , तब रोगी के परिजनो को उनके रिष्तेदार के माध्यम से राजस्थान में स्थित बाई प्लेन कैथ लैब का पता करा जो मात्र उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बेदला में हैं। तब मरीज के परिजन रोगी को पेसिफिक हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अतुलाभ वाजपेयी के पास लाये जहाँ पर डॉ वाजपेयी ने रोगी के मस्तिष्क की एंजियोग्राफी करी जिसमे ब्रेन हेमरेज के होने का कारण पता चला कि रोगी को 0.5 मिलीमीटर गुब्बारा हैं इतने छोटे गुब्बारे में क्योंकि कोइलिंग कर पाना संभव नही हो पाता रोगी के उपचार के लिए फ्लो डाइवर्टर का उपयोग कर गुब्बारे को बंद करा जिससे कि रोगी को भविष्य में पुनः लकवे की संभावना न हो।