बच्चों को मिलेगी पारम्परिक शिक्षा संस्कार की शिक्षा भी डीपीएस ने आचार्य का किया में हुआ स्वागत
उदयपुर। पंतजली अगले वर्ष नये सत्र से देश मेें भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र मंे प्रवेश करेगा जिसमें बच्चों को रोजगारअर्जन हेतु पारम्परिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की भी शिक्षा भी दी जायेगी।
उक्त बात आज पतंजली के संस्थापक आचार्य बालकृष्णन ने डीपीएस में डीपीएस के प्रो. वाइस चेयरमैन गोविन्द अग्रवाल के साथ हुई एक मुलाकात में कहीं। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में माध्यमिक स्तर की शिक्षा बच्चों को दी जायेगी। बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा भी दी जायेगी, जिसमंे बच्चें जीवन को रोजगारअर्जन के साथ-साथ उत्साह के साथ बिता पायें। बच्चों को शिक्षा बोझ की तरह नहीं उत्साह के साथ दी जायेगी। बच्चें शिक्षा को नई उमंग एवं उत्साह के साथ ग्रहण करें।
आचार्य बालकृष्णन ने बताया कि जहंा पहले संस्कृत,पूजा पाठ के विषय को नजरअन्दाज किया जाता था लेकिन इसके महत्व को देखते हुए अब शिक्षाविद् भी इसके महत्व को मानने लग गये है। उन्हरेंने बताया कि उच्च शिक्षा के स्तर पर पंहुचने के लिये बच्चों को बचपन से ही शिक्षित किया जाना चाहिये,जिसकी हमारी शिक्षा पद्धति में कमी दिखाई देती है।
उन्होंने बताया कि सरकार की देखरेख में स्वतंत्र रूप में कार्य करने वाले भारतीय शिक्षा बोर्ड की मुख्यालय हरिद्धार रहेगा। नये सत्र से इसमें बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी। पतंजली शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संस्कृति पर कार्य कर रही है।
इससे पूर्व पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष एवं योग गुरु आचार्य बालकृष्णन के दिल्ली पब्लिक स्कूल, उदयपुर में आगमन पर विद्यालय के प्रो. वाइस चेयरमैन गोविंद अग्रवाल एवं प्राचार्य संजय नरवरिया ने स्वागत किया। आचार्य ने विद्यालय के संपूर्ण प्रांगण का अवलोकन कर छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय में संचालित समस्त विभागों के बारे में जानकर आचार्य ने अभिभूत होकर विद्यालय की प्रशंसा की।
विद्यालय के प्राचार्य संजय नरवरिया ने आचार्य को विद्यालय के प्रागण से छात्रों एवं अभिभावकों के लिए उत्कृष्ट देश के निर्माण हेतु संदेश देने को कहा जिसमें उन्होने डीपीएस. के समस्त विद्यार्थियांे, शिक्षको व अभिभावको को संदेश देते हुए कहा कि शिक्षा शिक्षक व विद्यार्थी की सारथी है और इस वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान आप सभी विद्यार्थियों को मानसिक व शारीरिक रूप से अपने आप को प्रशिक्षित करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने आप को व उच्च शिक्षित, स्वस्थ तथा संस्कार युक्त बना सके जिससे एवं भविष्य में देश का प्रतिनिधित्व कर सके एवं श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण कर सके साथ ही उन्होने विद्यालय प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए कटिबद्ध डीपीएस, उदयपुर निश्चय ही नव राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है। आचार्य के विद्यालय में आगमन के इस अवसर पर समस्त मैनेजमेंट सदस्य, विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश धाभाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर डीपीएस के प्रो वाइस चयेरमैन गोविन्द अग्रवाल ने डीपीएस उदयपुर द्वारा बच्चों को दी जा रही शिक्षा एवं उसे प्राप्त करने के बाद जीवन में बच्चों को अर्जित की गई उपलब्धियों की की जानकारी दी। प्राचार्य संजय नरवारिया ने आचार्य से कोरोनाकाल में बच्चों व अभिवभावकों को प्रेरणादायक संदेश दिलवाया ताकि वे इस समय जीवन में हताश न हों। कार्यक्रम में नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक कैलाश अग्रवाल ने आचार्य बालकृष्णन को शाॅल ओढ़ाकार एवं पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। प्रारम्भ में आचार्य बालेकृष्णन, गोविन्द अग्रवाल,संजय नरवारिया ने सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया।