पीएमसीएच में उपचार से मिली लिम्फोमा कैंसर से मुक्ति
उदयपुर। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही एक 55 वर्षीय महिला को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, भीलों का बेदला से इलाज के बाद बीमारी से छुटकारा मिल गयाहै।मरीज को ब्लड कैंसर का एक स्वरूप लिम्फोमा डायग्नोज हुआ था। आंख में लिम्फोमा होने के कारण मरीज को आँख से दिखाई देना बंद हो गया था लेकिन यहां के अनुभवी चिकित्सक मनोज महाजन के सटिक उपचार से मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया है।
मरीज की आँख को बिना किसी सर्जरी के ठीक कर दिया गया है यह दक्षिण राजस्थान के लिम्फोमा मरीजों के लिए अच्छी खबर है।पूरा उपचार भामाषाह योजना के तहत किया गया है। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज महाजन ने बताया कि जब मरीज पहली बार परामर्ष के लिए आया तब तक इधर-उधर उपचार लेते हुए दो साल हो गये थे, समय के साथ मरीज की स्थिति अधिक खराब हो रही थी। आँख पर सूजन बढ़ने के साथ उसे दिखायी देना बंद हो गया था।मरीज की उम्र और बीमारी को देखते हुए लिम्फोमा के उपचार के लिए दो प्रक्रियाआं रेडिएशन अथवा टारगेटेड थैरेपी का उपयोग किया जा सकता था। बीमारी में सीडी 20 को समाप्त करने केे लिए टारेगेटेड थैरेपी को चुना गया। आठ महीने तक इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो गयी है और आँख स्पष्ट रूप से देख भी रही हैं।मरीज को ठीक करने के लिए किसी तरह की सर्जरी नहीं की गयी है।डॉ. महाजन ने बताया कि कैंसर के कुल मरीजो ंमें से 5-10 प्रतिशत लिम्फोमा से प्रभावित होते हैं। ये एक तरह की गांठ होती है जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है और भविष्य में ब्लड कैंसर का रूप ले सकती है। समय पर डायग्नोज होने और उपचार शुरू करवाने से इस बीमारी में फोर्थ स्टेज के मरीजों की जान भी बचायी जा सकती है।मरीज और परिजनों ने कहा कि डॉ. महाजन के उपचार से पहले वे आँख से देखने और जिन्दगी की उम्मीद हार चुके थे लेकिन सही उपचार से आँख की रोषनी लौट आयी है और बीमारी भी खत्म हो गयी है। दक्षिण राजस्थान में इस तरह की उपचार सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा।