पैंक्रियास से निकाला 32 एमएम का स्टोन
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग ने क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस से पीढ़ित मरीज के पैंक्रिया से 32 एमएम का स्टोन निकाल कर उसे इस बीमारी से निजात दिलाई। इस सफल ऑपरेशन में ग्रस्ट्रोसर्जन डॉ. विकेश जोशी, निश्चेतना विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य, डॉ. विजय चाहर एवं अनिल भट्ट की टीम का सहयोग रहा।
दरअसल प्रतापगढ़ के पारसोला निवासी 42 बर्षीय अशोक पांचाल को पिछले 2 साल से पेट का दर्द, मतली और उल्टी आना एवं घबराहट होने की समस्या थी। जिसके कारण लगातार कमजोरी और वजन कम होता जा रहा था। परिजन अशोक को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल लेकर आए यहॉ पर ग्रस्ट्रोसर्जन डॉ.विकेश जोशी को दिखाया तो जॉच करने पर मरीज को अग्नाशय में सूजन (क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस) की समस्या का पता चला जिसके कारण अग्नाशय (पैंन्क्रिया) में 32 एमएम का स्टोन बन गया था। जिसका की ऑपरेशन द्वारा ही ईलाज सम्भव था। मरीज पिछले लम्बें समय से शुगर की बीमारी से भी ग्रसित था।
ग्रस्ट्रोसर्जन डॉ.विकेश जोशी ने बताया कि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस अग्न्याशय (पैंक्रियास) में होने वाली सूजन है जो ग्रंथि (ग्लैंड) के प्रगतिशील विनाश का कारण बनता है। इससे ग्रंथि (ग्लैंड) की स्थायी क्षति हो सकती है। परिणामस्वरूप अग्न्याशय में पथरी और अल्सर विकसित हो सकते हैं,जो आंत में पाचन रस को प्रवाहित करने वाली नली को बंद कर देते हैं। इससे मरीज के शरीर का वजन कम होने के साथ अपच, मधुमेह और दर्द की शिकायत हो सकती है। यह बीमारी एक लाख मे से किन्ही 2 से 5 व्यक्तियों में होती है।
डॉ.जोशी ने स्पष्ट किया कि पैंक्रियाज हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम यानी कि पाचन तंत्र का बेहद अहम हिस्सा है। यह हमारे खाने को पचाने और इसे ऊर्जा में बदलने का काम करता है। यह पेट में अंदर की ओर होता है और अलग-अलग एंजाइमों को रिलीज करता है। पर कई बार पैंक्रियाज सही से काम नहीं करता है, जिसकी वजह से खाने पचाने के प्रोसेस में परेशानी होती है। पैंक्रियाज के फंक्शन की ये गड़बड़ी पैन्क्रियाटाइटिस के कारण हो सकती है।
पैन्क्रियाटाइटिस में, पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है और कई बार पस भर जाता है। इसके बाद इसके डाइजेस्टिव एंजाइम के काम काज में गड़बड़ी आ जाती है, जिसका नुकसान पूरे शरीर को उठाना पड़ता है। मरीज अभी पूरी तरह से ठीक है और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।