-सनातनी चातुर्मास में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का महा रुद्राभिषेक
उदयपुर। अरावली की उपत्यकाओं के बीच विराजित बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर 24 घण्टे तक पंचाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय से गूंजता रहा। अवसर था, श्रावणी पूर्णिमा पर पार्थिव शिवलिंग के निर्माण और महा रुद्राभिषेक का।
उदयपुर के बलीचा स्थित बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहे सनातनी चातुर्मास के तहत मंगलवार रात 9 बजे से शिव मंत्रों के साथ सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण शुरू हुआ। दिगंबर खुशाल भारती महाराज के सान्निध्य में श्रद्धालुओं तथा चातुर्मास में विराजित साधु-संतों ने रात भर में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। इसके उपरांत बुधवार को सुबह से इन शिवलिंग का अभिषेक हुआ। दिनभर ॐ नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र व रुद्राभिषेक के मंत्र गूंजते रहे। बुधवार संध्या वेला में शिवलिंग के समक्ष छप्पन भोग धराया गया, फिर महा आरती के साथ इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई और पार्थिव शिवलिंग जल में विसर्जित किए गए। मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि इस अनुष्ठान में दिगंबर खुशाल भारती महाराज ने 3 फीट ऊंचा महाकाल का स्वरूप पार्थिव शिवलिंग बनाया। उन्होंने अश्वगंधा, इत्र, हल्दी व अन्य जड़ी बूटियों के साथ आधी रात को पार्थिव शिवलिंग का निर्माण शुरू किया और बुधवार को उन्होंने स्वयं रुद्राभिषेक किया। श्रद्धालुओं ने काशी वाले आचार्य जितेंद्र शास्त्री की देख रेख में इन पार्थिव शिवलिंगों का शास्त्रोक्त विधि से निर्माण किया। कुल 51 जोड़ों ने इस अनुष्ठान में भाग लिया। इस अवसर पर दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सृष्टि के राजा महाकाल हैं जो एकलिंग नाथ के रूप में मेवाड़ में भी विराजित हैं, जिनके सान्निध्य में मेवाड़ फला फूला है और पूरा मेवाड़ उनका आराधक है। सनातनी चातुर्मास के तहत तीन सितम्बर से भागवत कथा होगी। पंच पुराणों में यह तीसरी कथा का आयोजन होगा। आचार्य हरिओम शास्त्री मथुरा वाले कथा करेंगे। इसी दिन कलश यात्रा भी निकलेगी। कथा 9 सितम्बर तक चलेगी। इसका समय दोपहर डेढ़ बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा।