प्रदेश के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ने केस आधारित अनुभवों पर की चर्चा
उदयपुर। समय के साथ चिकित्सा विज्ञान में नये आविष्कार होते जा रहे हैं। बीमारियों के बारे जानकारी के लिए नयी-नयी जांचे उपलब्ध हैं साथ ही नवीन उपचार तकनीकें भी आ रही हैं। भारत में कैंसर को लाइलाज बीमारी माना जाता है लेकिन समय पर विशेषज्ञ उपचार से लाभ हो सकता है। प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. मनोज महाजन ने बताया कि कैंसर के इलाज में नवीन तकनीक इम्युनोथैरेपी के लाभ व हानियों पर चर्चा करने के लिए उदयपुर में मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में प्रदेशभर के कैंसर रोग विशेषज्ञों ने केस आधारित अनुभव के आधार पर कहा कि इस तकनीक से कैंसर मरीजों को फायदा हो रहा है और किमोथैरेपी की तुलना में इसके साइड इफेक्ट भी कम हैं। डॉ. एस दास, डॉ. देवेन्द्र जैन, डॉ. सौरभ शर्मा और डॉ. सुमित अग्रवाल सम्मेलन के चैयरपर्सन रहे।
प्रोग्राम डायरेक्टर पेसिफिक मेडिकल एंड हॉस्पिटल तथा पारस हेल्थ के डायरेक्टर और सीनियर कन्सल्टेंट डॉ. मनोज महाजन ने बताया कि कैंसर के उपचार में कई पारम्परिक विकल्प उपलब्ध हैं लेकिन समय के साथ नये आविष्कारों के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। कैंसर के कई केसेज में नयी उपचार तकनीक इम्यूनोथैरेपी से मरीजों को लाभ हो रहा है, इस थैरेपी से मरीज का प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। उदयपुर में अब इम्युनोथैरेपी का उपयोग किया जा रहा है। सम्मेलन में डॉ. अंकित अग्रवाल, डॉ. असीम के सामर, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. मनोज महाजन, डॉ. तारांचद गुप्ता डॉ. हेमन्त कुमार दाधिच, डॉ. रेनु मिश्रा, डॉ. सचिन जैन, डॉ. अभिषेक शर्मा, डॉ. मानसी संदीप शाह और डॉ. रोहित जे रेबेलो ने कहा कि शरीर के इम्यून सेल्स कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं. इससे मरीज की बीमारी से लड़ने की क्षमता इतनी मजबूत हो जाती है कि वह कैंसर का मुकाबला कर सकता है. ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें इम्युनो थेरेपी से काफी फायदा पहुंचा है. हर व्यक्ति की जरूरत को ध्यान में रखकर इम्यून-बूस्टर थेरेपी दी जाती है. इम्यून सेल्स सीधे कैंसर की कोशिकाओं पर ही हमला करते हैं और शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. इससे कैंसर दोबारा होने की आशंका कम हो जाती है. इम्युनो थेरेपी के अधिक साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं. इसका उपयोग अन्य बीमारियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।